बिहार में अभी बाढ़ आने वाला है । आया इसलिये नहीं कह रहे हैं क्योंकि कई इलाकों में अभी पानी आना बांकि है । लेकिन जब यह अपने जवानी पर आता है । अपने साथ भीषण पीड़ा और संकट लेकर आता है । इस बार भी बाढ़ की हालत भयावह तस्वीर बयां कर रही है । ऐसे में उन गांवों को भारी परेशानी झेलना पड़ रहा है जो नदी किनारे बसे हुए हैं ।
उपर की तस्वीर किशनगंज के दिघलबैंक और टेढ़ागाछ प्रखंड के बीच कनकई नदी पर बने निर्माणाधीन पुल की है । यह पुल पिछले दो सालों से अधुरा बना हुआ है । पुल निर्माण की प्रक्रिया 24 जुलाई 2018 को शुरू हुई और 23 जुलाई 2019 को इसका निर्माण पुरा होना था । लेकिन 2021 में भी यह आधा ही बन पाया । ग्रामीण कार्य विभाग के जेई रामानंद यादव ने बताया कि दो वर्षों से कभी नदी की धारा के बदलने तो कभी मैटेरियल की आपुर्ति नहीं होने से और तो और लॉकडाउन की वजह से यह निर्माण अधूरा पड़ा है । इस पुल के बन जाने से करीब पचास हजार लोगों को आवागमन की सुविधा मिल जाएगी । लेकिन अधुरे पुल से सबकों परेशानी बनी हुई है ।
हाल में जब कनकई नदी में पानी का स्तर बढ़ा तो ग्रामीणों को आवागमन में काफी दिक्कत होने लगी । इसकारण से उनलोगों ने खुद के पैसे खर्च कर इस आधे पुल के आधे हिस्सें में चचरी का पुल बना लिया । इससे किसी तरह वो लोग नदी पार तो कर जाते हैं लेकिन उन्हे रोज अपने जान को हथेली पर लेकर पुल पार करना होता है । यह सरकार की नाकामी ही कही जाए कि इतने दिन के बाद भी लोगों को जान आफत में डालकर ही इस पार से उस पार होना पड़ता है ।