बिहार में अब पेट्रोल-डीजल का टैक्स फिक्स होगा। इससे उपभोक्ताओं की तुलना में सरकार को ज्यादा फायदा होगा। अपने राजस्व को बचाने के लिए राज्य सरकार ने वैट कानून में संशोधन किया है। संशोधन होने से पेट्रोल-डीजल पर वैट की गणना प्रतिशत के साथ-साथ फिक्सड दर भी किया जाएगा। दर रुपया में फिक्स होने के बाद प्रतिशत के आधार पर वैट कम होने पर भी फिक्सड दर से लोगों को वैट देना होगा।
कोरोना महामारी के कारण अंतराष्ट्रीय बाजार में पेट्रोलियन क्रूड ऑयल के दाम में लगातार उतार-चढ़ाव हो रहा है। इसका सीधी असर राज्य के राजस्व पर भी दिखायी देने लगा है। पेट्रोल-डीजल की कीमतें कम होने के कारण राज्य सरकार का वैट कलेक्शन कम हुआ है।बिहार पेट्रोल-डीजल पर प्रति लीटर फिक्सड रुपये में वैट नहीं लेकर प्रतिशत में लेता है। जबकि झारखंड, यूपी और पश्चिम बंगाल प्रतिशत व फिक्सड दोनों में से जो अधिक होता है उसके आधार पर टैक्स लेते हैं।
अभी बिहार में पेट्रोल की प्रति लीटर कीमत यदि 65 रुपये से अधिक रहती है तो उस पर 22 फीसदी वैट वसूला जाता है। कीमत 65 रुपये से कम होने पर 25 फीसदी की दर से वैट लिया जाता है। डीजल की कीमत यदि 64 रुपये से कम रहने पर 19 फीसदी की दर से वैट लिया जाता है।