राज्य के 3.57 लाख नियोजित शिक्षकों को प्रोन्नति से लेकर तबादले तक का लाभ मिलेगा। इन शिक्षकों का जिलास्तर पर तबादला हो सकेगा। नियोजित शिक्षकों के लिए सेवा शर्त नियमावली का ड्राफ्ट शिक्षा विभाग ने तैयार कर लिया है। अगले साल मार्च के बाद संशोधित रूप से नियोजित शिक्षकों की सेवा शर्त नियमावली लागू होगी। सेवा शर्त लागू करने के लिए शिक्षा विभाग को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की हरी झंडी का इंतजार है।
लगभग चार साल से नियोजित शिक्षकों के लिए सेवा शर्त नियमावली लागू करने का मामला अटका हुआ है। सेवा शर्त तैयार करने के लिए विभाग में कमेटी बनी थी। शिक्षक संघों ने सुझाव भी दिया था। प्रारंभिक स्तर पर सेवा शर्त नियमावली का ड्राफ्ट तैयार कर लिया गया था, लेकिन समान काम के बदले समान वेतन देने के हाईकोर्ट के फैसले के बाद यह मामला अटक गया था। अभी प्रारंभिक और हाईस्कूलों में शिक्षकों का नियोजन चल रहा है। विभागीय अधिकारी के अनुसार शिक्षकों की नियोजन प्रक्रिया पूरी होने के बाद सेवा शर्त लागू होगी। विधानसभा चुनाव अधिसूचना जारी होने के पहले सरकार सेवा शर्त लागू कर देगी।
प्रधानाध्यापक पद पर मिल सकेगी प्रोन्नति
सेवा शर्त लागू होने के बाद नियोजित शिक्षकों को प्रधानाध्यापक पद पर प्रोन्नति मिलेगी। प्रारंभिक शिक्षकों को जिला स्तर पर नियोजन इकाई फाइनल होने की स्थिति में नियोजित शिक्षकों का अपने जिले में तबादला हो सकेगा। माध्यमिक और उच्च माध्यमिक स्कूलों के शिक्षकों का तबादला प्रमंडल स्तर पर हो सकता है। वैसे शिक्षक संघों ने नियोजित शिक्षकों को राज्य कर्मी का दर्जा देने की मांग की थी, लेकिन फिलहाल विभाग इन्हें राज्य कर्मी का दर्जा देने के मूड में नहीं है।
सरकारी कर्मियों की तरह मिलेगा एसीपी का लाभ
नियोजित शिक्षकों की बहाली के लिए बनी नियमावली में पूरे सेवाकाल में एक बार अपने नियोजन इकाई के अंदर किसी स्कूल में तबादला का प्रावधान था। नई सेवा शर्त नियमावली लागू होने पर सेवाकाल में अन्य सरकारी कर्मचारियों की तरह ही एसीपी और प्रोन्नति का लाभ मिलेगा। सेवा शर्त निर्धारण में सेवा निरंतरता, ऐच्छिक स्थानांतरण, सेवाकालीन प्रशिक्षण, प्रोन्नति का अवसर एवं अनुशासनात्मक मुद्दों पर गाइडलाइन होगा।
20 हजार से अधिक स्कूलों में प्रधानाध्यापक के पद हैं रिक्त
राज्य सरकार ने नियोजित शिक्षकों को वेतनमान का लाभ दे दिया है। नियोजित शिक्षकों को सातवां वेतन का भी लाभ दिया गया है। सेवा शर्त कमेटी की पहली बैठक 7 अक्टूबर, 2016 और दूसरी बैठक 27 अक्टूबर को हुई थी। फिर 12 जून, 2017 को तीसरी बैठक हुई थी। अभी राज्य में करीब 20 हजार से अधिक स्कूलों में प्रधानाध्यापक के पद रिक्त हैं। राज्य में 42701 प्राथमिक स्कूल, 30176 मध्य विद्यालय और माध्यमिक व उच्च माध्यमिक विद्यालय 6068 हैं। राज्य में अभी 3.57 लाख नियोजित शिक्षक हैं। प्राथमिक स्कूलों में 3.23 लाख शिक्षक हैं।
शिक्षक संघों ने दिए थे ये सुझाव
नियोजित शिक्षकों के लिए राज्यकर्मी का दर्जा मांगा। सेवा अवधि में मृत्यु पर आश्रितों को योग्यतानुसार अनुकंपा पर नियुक्ति, सभी शिक्षकों को भविष्य निधि, पेंशन, बीमा का लाभ। नियोजित शिक्षकों को प्रधानाध्यापक में प्रोन्नति एवं सीधी भर्ती में सेवा अनुभव का लाभ। 2006 की नियोजन नियमावली को निरस्त कर शिक्षकों के लिए 1983 से लागू सेवा शर्त नियमावली या झारखंड की सेवा शर्त नियमावली 2015 को ही लागू करने का भी सुझाव दिया है। पुराने शिक्षकों की तरह छुटिट्यों का लाभ, पुस्तकालयाध्यक्ष पद को समाप्त कर शिक्षक सह पुस्तकालयाध्यक्ष का पद हो।