
बिहार के पूर्व मंत्री और आरजेडी नेता तेज प्रताप यादव ने विधानसभा चुनाव में अपने चार वफादारों के लिए विधानसभा चुनाव में टिकट की मांग की है। राज्य में इस साल के आखिर में विधानसभा चुनाव होने हैं। पता चला है कि तेज प्रताप विद्रोह के एक साल बाद पार्टी में एक बार फिर अपना अहम स्थान बनाना चाहते हैं। उन्होंने हाल के दिनों में रांची जेल में बंद आरजेडी प्रमुख लालू प्रसाद यादव से मुलाकात की, ताकी अपने मांग को पूरा करवाया जा सके।
ऐसे में विपक्ष के नेता तेजस्वी यादव 2019 के लोकसभा चुनाव के नाटक को दोहराने से बचाने की कोशिश कर रहे हैं। पिछले साल लोकसभा चुनाव में उनके भाई ने विद्रोह कर दिया और तीन सीटों पर अपने उम्मीदवारों को निर्दलीय के रूप में चुनावी मैदान में उतार दिया। वहीं अभी तक मालूम नहीं चल सका है कि मुलाकात के दौरान लालू यादव और तेज प्रताप के बीच क्या बात हुई। हालांकि पिता से मुलाकात के बाद तेजस्वी पटना में बड़े भाई तेज प्रताप से मिलने के लिए पहुंचे थे।
तेज प्रताप जिन चार लोगों को विधानसभा चुनाव में टिकट दिलवाना चाहते हैं वो अंगेश सिंह (सिओहर), चंद्र प्रकाश (जहानाबाद), डॉक्टर संदीप कर (काराकट) और धर्मेंद्र कुमार (हरनौत) हैं। पार्टी की तरफ से अभी तक स्पष्ट नहीं है कि इन चारों को टिकट दिया जाएगा या नहीं।
एक सूत्र ने बताया कि पार्टी के अधिकांश वरिष्ठ नेता सिर्फ एक शक्ति केंद्र चाहते हैं और वो तेजस्वी के पीछे दौड़ रहे हैं। अगर इन वरिष्ठ नेताओं के उम्मीदवारों को चुनाव में टिकट नहीं दिया जाता है कि कई परेशान हो सकते हैं। मगर पार्टी तेज प्रताप को एक बार फिर बागी नहीं बनाना चाहती है।
इधर तेज प्रताप की हसनपुर से चुनाव लड़ने की योजना पर सूत्रों ने कहा कि साफ है कि वह शायद अपनी पत्नी ऐश्वर्या को मैदान में उतारने की किसी प्रतिद्वंद्वी पार्टी की स्थिति नहीं चाहते हैं कि उन्हें चुनावी मैदान में उन्हीं के खिलाफ उतारा जाए। तेज प्रताप के ससुर चंद्रिका राय हाल के दिनों में जेडीयू में शामिल हो चुके हैं। राय राज्य में मंत्री भी रह चुके हैं।