राज्य के मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी ने विधानसभा चुनाव के तैयारी के समीक्षा के क्रम में सभी 38 जिलों के एसपी को अपराध से जुड़े मामलों में तत्काल अनुसंधान का काम पूरा करने का निर्देश दिया है। सभी डीएम को बूथ वेरिफिकेशन का काम तेजी से करने का निर्देश दिया है।
सोमवार को समीक्षा बैठक में आयोग ने फैसला किया है कि बिहार में इस बार विधानसभा चुनाव ईवीएम के लेटेस्ट वर्जन के साथ कराया जायेगा। अब तक के बिहार में एम1 और एम2 वर्जन के ईवीएम का इस्तेमाल होता रहा है लेकिन इस बार ईवीएम के लेटेस्ट वर्जन एम3 का इस्तेमाल होगा। एम3 ईवीएम का इस्तेमाल उत्तर प्रदेश के पिछले विधानसभा चुनाव में किया जा चुका है। आयोग के निर्देश पर जल्द ही राज्य के बाहर से ईवीएम को मंगाए जाने की कार्यवाही भी शुरू हो जाएगी। यह इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन का थर्ड जनरेशन है। एम3 में 24 बैलट यूनिट और 384 प्रत्याशियों की जानकारी होगी।
पहले वाले में सिर्फ चार बैलेट यूनिट और 64 प्रत्याशियों की जानकारी ही रखी जा सकती थी. एम3 के चिप को सिर्फ एक बार प्रोग्राम किया जा सकता है। चिप के सॉफ्टवेयर कोड को पढ़ा नहीं जा सकता और इसको दोबारा लिखा भी नहीं जा सकता। इस ईवीएम को इंटरनेट या किसी भी नेटवर्क से कंट्रोल नहीं किया जा सकता है। यदि कोई ईवीएम से छेड़छाड़ करेगा यानी इसका स्क्रू भी खोलने की कोशिश करेगा तो मशीन बंद हो जाएगी और छेड़छाड़ करने वाली की फोटो दर्ज हो जाएगी। हैकिंग या प्रोग्रामिंग नहीं की जा सकती है।