
सीटों के मुद्दे पर महागठबंधन (Grand Alliance) छोडऩे वाले विकासशील इंसान पार्टी (VIP) के अध्यक्ष मुकेश सहनी (Mukesh Sahni) विधानसभा की सभी 243 सीटों पर चुनाव लड़ने की तैयारी में जुट गए हैं. चार अक्टूबर, रविवार को उन्होंने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर चुनावी रणनीति की जानकारी दी. साथ ही उन्होंने नेता प्रतिपक्ष पर जमकर प्रहार किए. दिलचस्प यह कि सभी सीटों पर लड़ने का दावा करने वाले सहनी भाजपा के अलावा रालोसपा और जाप से भी समझौते की बातचीत कर रहे. प्रेस कॉन्फ्रेंस के बाद मुकेश सहनी भाजपा के बुलावे पर दिल्ली रवाना हो गए. अब इसकी संभावना व्यक्त की जा रही कि वे राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन में शामिल हो सकते हैं. राजद का कहना है कि मुकेश सहनी पहले से ही दोहरी भूमिका में रहे हैं. वे भाजपा के साथ जाते हैं तो कोई आश्चर्य नहीं.
तेजस्वी से परहेज तेज प्रताप से सहानुभूति
मुकेश सहनी ने कहा कि तेजस्वी यादव (Tejashwi Yadav ) ने उनकी पीठ में छुरा मारा है. कहा कि उनसे 25 सीट और एक उप मुख्यमंत्री पद को लेकर बात हो चुकी थी. सहनी ने कहा उनका प्रण है कि भविष्य में कभी भी तेजस्वी यादव के साथ राजनीति नहीं करेंगे, अलबत्ता तेजप्रताप यादव (Tej Pratap Yadav) के विषय में विचार कर सकते हैं.

तेजस्वी पर साधा निशाना
मुकेश सहनी ने कहा कि तेजस्वी यादव की जिद और हठधर्मिता की वजह से दलितों के नेता जीतन राम मांझी अलग हुए. इसके बाद उपेंद्र कुशवाहा की पार्टी रालोसपा भी महागठबंधन से छिटक गई. कांग्रेस को भी तेजस्वी ने बहुत ब्लैकमेल किया. उसे 58-70 सीट के फेर में उलझाए रखना चाहते थे. वीआइपी के साथ किए गए वादे को भी उन्होंने नहीं पूरा किया. अंतिम समय में उन्होंने हमारी पीठ में छुरा घोप दिया. जिसका बदला 2020 के चुनाव में अति पिछड़ा समाज उनसे लेगा.
अब लालू की पार्टी नहीं रह गई राजद
सहनी ने कहा कि उनकी बात जन अधिकार पार्टी के पप्पू यादव और राष्ट्रीय लोक समता पार्टी अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा के साथ चल रही है. यदि सार्थक नतीजे नहीं आए तो उनकी पार्टी विधानसभा की सभी 243 सीटों पर उम्मीदवार उतारेगी. सहनी ने कहा पांच अक्टूबर तक उम्मीदवारों की पहली सूची जारी कर दी जाएगी. सहनी ने कहा कि लालू प्रसाद के विचारों से प्रभावित होकर वे महागठबंधन में शामिल हुए थे. पर राजद अब लालू प्रसाद की पार्टी नहीं रह गई है. उन्होंने कहा राजद अब तेजस्वी यादव की पार्टी है जिसमें वे अपनी मर्जी चला रहे हैं. विधानसभा चुनाव के पहले लोकसभा चुनाव में भी वे वीआइपी को धोखा दे चुके हैं. उन्होंने कहा जो व्यक्ति महागठबंधन को नहीं संभाल सकता वह भला बिहार को कैसे संभालेगा. जनता को इस पर विचार करना चाहिए.