सत्ताधारी जदयू और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने निर्णय लिया है कि उनका दल किसी दागी विधायक को अपना प्रत्यासी नही बनाएगा। पार्टी सूत्रों के मुताबिक ऐसे नेताओं तक संदेश भी पहुंच गया है।
रविवार की रात करीब आधा दर्जन पार्टी नेताओं ने प्रदेश अध्यक्ष बशिष्ठ नारायण सिंह के यहां पहुंचकर अपना पक्ष भी रखा। इनमें डुमराव के जदयू विधायक ददन पहलवान और गोपालगंज विधायक अमरेंद्र पांडेय प्रमुख थे। जानकारी के मुताबिक जदयू डुमराव से ददन की जगह पार्टी प्रवक्ता अंजुम आर को मैदान में उतार रहा है।
बहरहाल रविवार की रात जदयू प्रदेश अध्यक्ष के घर कुछ वकील भी बुलाये गए थे। पार्टी के जिन प्रत्याशियों पर कोई मामला दर्ज होगा उन्हें जदयू स्क्रीनिंग कमेटी के समक्ष शपथ पत्र देना होगा और वकील ऐसे शपथ पत्रों की पड़ताल करेंगे ताकि आयोग द्वारा किसी पर्चा पर कोई आपत्ति नही आये।
वहीं दूसरी ओर एनडीए में सीटों के बंटवारे का औपचारिक ऐलान रविवार को भी नहीं हो सका। कई दिनों की तर्ज पर जदयू व भाजपा में सीट व उम्मीदवारों को अंतिम रूप देने के लिए रविवार को भी मैराथन बैठक जारी रही। पटना में जहां जदयू अध्यक्ष सीएम नीतीश कुमार के आवास पर पार्टी की कोर कमेटि की बैठक हुई तो भाजपा की बैठक दिल्ली में अध्यक्ष जेपी नड्डा के आवास पर हुई, जिसमें बिहार भाजपा के नेता शामिल हुए। संभावना जताई जा रही है कि अब सोमवार को ही एनडीए की ओर से सीटों के साथ ही उम्मीदवारों के नामों का औपचारिक ऐलान किया जाएगा।
वैसे राजनीतिक गलियारे में यह भी खबर तैरती रही कि एनडीए के घटक दलों ने अपने-अपने कोटे की सीट व उम्मीदवारों के नामों का ऐलान भले ही नहीं किया लेकिन दलों की ओर से उन उम्मीदवारों को फोन जाने लगे जिन्हें पार्टी ने इस चुनाव में उम्मीदवार बनाया है। चूंकि आठ अक्टूबर को ही पहले चरण के नामांकन की अंतिम तिथि है। नामांकन के लिए मात्र चार दिन शेष रहने के कारण ही पार्टियों ने फोन कर चयनित उम्मीदवारों को फोन कर दिया ताकि वे नामांकन की तैयारी कर सकें।