बिहार बोर्ड के 15 लाख से भी ज्यादा छात्र-छात्राएं दसवीं क्लास के नतीजों का इंतजार कर रहे हैं. तो वहीं पिछले करीब एक हफ्ते से रिजल्ट जारी करने की कवायद चल रही है, लेकिन अभी तक बोर्ड ने नतीजों का ऐलान नहीं किया है. वैसे माना जा रहा है कि सोमवार को दसवीं का परीक्षा परिणाम जारी किए जाने की पूरी उम्मीद है. ऐसे मेंस परीक्षा में बैठने वाले स्टूडेंट्स पास होने की दुआ कर रहे हैं, वहीं हम आपको बताने जा रहे हैं कि आखिर बिहार बोर्ड की दसवीं क्लास का एग्जाम पास करने के लिए छात्रों को क्या काम करना होगा.
दरअसल, इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के अनुसार मिनिमम नंबर के पैमाने को देखते हुए छात्रों को 100 में से कम से कम 30 नंबर लाने जरूरी हैं और कुल 150 नंबर लाकर ही स्टूडेंट्स दसवीं की परीक्षा पास कर सकेंगे. एक छात्र को पास घोषित होने के लिए इंग्लिश व वैकल्पिक विषय को छोड़कर सभी विषयों में पास होना होगा. सोशल साइंस और साइंस समेत प्रैक्टिल विषयों में छात्र को थ्योरी और इंटरनल असेस्टमेंट दोनों में पास होना जरूरी होगा और इसके लिए 100 में से कम से कम 30 अंक लाने होंगे.
बिहार बोर्ड (Bihar Board) ने ग्रेस नंबर देने की नीति अपना रखी है. इसके अनुसार, अगर कोई छात्र किसी एक विषय में 8 प्रतिशत और इससे कम नंबर व दो विषयों में 4-4 प्रतिशत व उससे कम नंबर से फेल हो जाता है तो उसे ग्रेस नंबर देकर अगली कक्षा में प्रमोट कर दिया जाता है. वहीं अगर कोई छात्र कुल 75 प्रतिशत अंक हासिल करता है और किसी एक विषय में 10 प्रतिशत से कम नंबर से फेल हो जाता है तो उसे पास घोषित कर दिया जाता है.
ऐसे छात्र जो सिर्फ पास होने भर से संतुष्ट नहीं होते, उन्हें पहली डिविजन हासिल करने के लिए 225 से लेकर 300 तक अंक लाने होंगे. 225 और उससे कम अंक लाने वाले स्टूडेंट्स को सेकंड डिविजन मिलेगी. बिहार बोर्ड की दसवीं क्लास के पिछले साल के टॉपर सावन राज भारती ने कुल 97.2 प्रतिशत अंक हासिल किए थे. बिहार बोर्ड की मैट्रिक परीक्षा (Bihar Board Matric Exam 2020) में इस साल 15 लाख से अधिक स्टूडेंट्स ने हिस्सा लिया है.