बिहार विधानसभा चुनाव प्रचार के दौरान अगर प्रत्याशी ने किसी व्यक्ति को खादी की टोपी पहनायी या फिर किसी व्यक्ति ने प्रत्याशी को पहनाई, दोनों स्थितियों में प्रत्याशी के खर्च में 150 रुपये जोड़ा जाएगा। यही नहीं, समोसा के लिए आठ रुपये तो रसगुल्ला खाने-खिलाने पर 10 रुपये चुनाव खर्च माना जाएगा।
विधानसभा चुनाव के लिए भोजन से लेकर गाड़ियों तक की दर प्रशासन द्वारा तय की गयी है। प्रशासन द्वारा तय किये गये रेट की जानकारी राजनीतिक दलों को दी जा रही है। प्रत्याशियों के खर्च पर निगरानी रखने के लिए कोषांग का गठन किया गया है। प्रत्याशियों के चुनाव कार्यक्रम पर उड़नदस्ता दल नजर रखेगा। प्रशासन की टीम द्वारा बाजार में सर्वे करने के आधार पर सूची तैयार की गयी है। प्रशासन के 164 सामग्री का रेट तय किया है। 2015 के विधानसभा चुनाव की तुलना में अधिकांश सामग्रियों के रेट में वृद्धि हुई है। लेकिन साधारण चाय का रेट पांच रुपये दोनों चुनाव में था।
2020 चुनाव के मुख्य सामग्रियों का रेट
- 50 या उससे अधिक बैठने की क्षमता वाले बस का दर – 2850 रुपए
- 40 से 49 सीट वाली बस का दर – 2600 रुपए
- मिनी बस (23 से 39 सीट) – 2000 रुपए
- मैक्सी, सीटी राईड, विंगर, टेम्पो आदि (14 से 22 सीट) – 1500 रुपए
- छोटी कार (सामान्य) – 800 रुपए
- छोटी कार वातानुकूलित – 900 रुपए
- ट्रैक्टर, जीप, कमांडर आदि – 900 रुपए
- बोलेरो, सुमो और मार्शल – 1000 रुपए
- ऑटो रिक्शा – 500 रुपए प्रति दिन
- मोटरसाइकिल – 250 रुपए प्रतिदिन
- ई-रिक्शा – 600 रुपए प्रतिदिन
- रिक्शा-400 रुपये प्रतिदिन
- ठेला-600 रुपये प्रतिदिन
- गुलाब फल-पांच रुपये पीस
- गेंदा फूल- 20 पीस का 200 रुपये
- फूल रजनीगंधा-20 पीस 300 रुपये
- फूल माला छोटा- 20 रुपये पीस
- फूल माला बड़ा-एक हजार रुपये पीस
- टोपी खादी-150 रुपये
- टोपी कपड़ा सूती – 30 रुपए
- पगड़ी – 150 रुपये पीस
- टोपी कैप-55 रुपये पीस
- बैच छोटा-45 रुपये पीस
- बैच बड़ा- 65 रुपये पीस
- छह पूड़ी-सब्जी-35 रुपये पैकेट
- भोजन ननवेज – 150 रुपए प्रति थाली
- भोजन भेज – 150 रुपए प्रति थाली
- चावल-अंडा-कड़ू-80 रुपये थाली
- चाय साधारण – 05 रुपए
- चाय स्पेशल – 10 रुपए
- कॉफी-15 रुपये
- समौसा – 08 रुपए प्रति पीस
- रसगुल्ला – 10 रुपए पीस
- पान-10 रुपये पीस
प्रणव कुमार,डीएम, भागलपुर का कहना है कि टीम बाजार में सर्वे पर सामग्री का रेट तय करती है। इसके बाद बैठक में सूची को अंतिम रूप दिया जाता है। रेट की जानकारी सभी राजनीतिक दलों को दी जाएगी। अगर किसी को आपत्ति होगी तो विचार किया जाएगा। प्रत्याशी सामग्री के रेट से कम खर्च का ब्योरा नहीं दे सकते हैं।