कोरोना संकट के बीच अब श्रमिकों को 8 घंटे की बजाए 12 घंटे काम करना होगा। कोरोना संकट के बीच बिहार में नया श्रम कानून लागू होने जा रहा है। आर्थिक संकट से निपटने के लिए सरकार कानूनों में बदलाव करने जा रही है।
कारखानों में अब अगले 3 साल तक कार्यदिवस 8 से बढ़ा कर 12 घंटे किया जाएगा। यानी सप्ताह में एक मजदूर से 72 घंटे काम कराया जा सकेगा। 6 घंटे के बाद आधा घंटा का ब्रेक मिलेगा। उद्योग पंजीकरण की ऑनलाइन प्रक्रिया 30 के बदले एक दिन में पूरी होगी। विभाग ने नए कानून का प्रस्ताव तैयार कर लिया है।जल्द ही कैबिनेट की मंजूरी ली जाएगी।
50 से कम श्रमिक वाले कारखाने श्रम कानून के दायरे से बाहर रखे जाएंगे। अभी 20 से अधिक श्रमिक वाले उद्योग इस दायरे में हैं। तीन साल तक लेबर इंस्पेक्टर किसी भी कारखाने का निरीक्षण नहीं करेंगे। नए श्रम कानून में ट्रेड यूनियन को मान्यता देने का पहले का कानून को भी खत्म होगा। औद्योगिक विवादों का निबटारा, व्यावसायिक सुरक्षा, श्रमिकों की सेहत व काम करने की स्थिति से संबंधित कानून समाप्त हो जाएंगे।
श्रमिकों पर कार्रवाई में श्रम विभाग और श्रम न्यायालय का दखल नहीं होगा। 50 से कम श्रमिक वाले ठेकेदार को रजिस्ट्रेशन की जरूरत नहीं होगी। अभी 20 से अधिक श्रमिक वाले ठेकेदार को रजिस्ट्रेशन कराना जरूरी है। उद्योग या कारखाने को 61 अलग-अलग रजिस्टर की जगह एक रजिस्टर रखना होगा। 13 रिटर्न दाखिल करने की जगह एक ही रिटर्न दाखिल करना होगा।