बिहार की राजनीति का भीष्म पितामह हमेश हमेश के लिए हम लोगों को छोड़कर स्वर्ग लोक जा चुका है, कहने के लिए बिहार की राजनीति में एक से एक धुरंधर नेता हुए हैं, लेकिन रघुवंश बाबू का कद और महत्व कुछ और था, राजद हो या कांग्रेस और भाजपा हो या जदयू सभी दल के नेता उनका सम्मान करते थे, रघुवंश बाबू के जाने से पूरे बिहार में शोक की लहर दौड़ गई है, सीएम नीतीश कुमार सहित लालू यादव, राबड़ी, तेजस्वी, तेजप्रताप सहित अन्य नेताओं ने अपनी शोक संवेदना प्रकट की है.
राजद नेता और लालू प्रसाद के सबसे करीबी रघुवंश प्रसाद सिंह (74) का रविवार को नि/धन हो गया। उन्होंने दिल्ली के एम्स में अंतिम सांस ली। वे पिछले चार दिनों से सांस की तकलीफ से जूझ रहे थे। उन्हें आईसीयू में भर्ती कराया गया था।
10 सितंबर को उन्होंने अस्पताल के बेड से ही राजद प्रमुख लालू यादव को इस्तीफा भेज दिया है। अपने इस्तीफे में उन्होंने लिखा, ‘‘जन नायक कर्पूरी ठाकुर के निधन के बाद 32 साल तक आपके पीठ पीछे खड़ा रहा, लेकिन अब नहीं। पार्टी, नेता, कार्यकर्ता और आमजन का बड़ा स्नेह मिला, मुझे क्षमा करें।’’
लालू प्रसाद यादव रांची की बिरसा मुंडा जेल में हैं। अपने करीबी की नाराजगी की बात पर उन्होंने खुद मोर्चा संभाला। रघुवंश को चिट्ठी लिखी, ‘‘राजद परिवार आपको शीघ्र स्वस्थ होकर अपने बीच देखना चाहता है। चार दशकों में हमने हर राजनीतिक सामाजिक और यहां तक कि पारिवारिक मामलों में भी मिल बैठकर ही विचार किया है। आप जरूर स्वस्थ हों फिर बैठ के बात करेंगे। आप कहीं नहीं जा रहे हैं! समझ लीजिए।’’