मानसुन पहली बार बिहार में समय से पहले आ गया है । पुरे राज्य में झमाझम बारिश हो रही है । किसानों के चेहरे पर जितनी खुशी है उससे कहीं अधिक डर उनके सीने में हैं कि कहीं प्रलंयकारी बाढ़ आ गई तो उनकी रही सही फसल भी बर्बाद हो जाएगी । मौसम विभाग लगातार चेतावनी जारी कर रहा है ।
बिहार में मॉनसून शबाब पर है, ऐसे में मौसम विभाग ने फिर से भारी बारिश और वज्रपात को लेकर राज्यभर के लिए 72 घंटे का अलर्ट जारी कर दिया है. मौसम वैज्ञानिकों ने संभावना जताई है कि अगले 72 घंटे में राज्य में कम से कम 100 मिमी बारिश होगी. अबतक हुई बारिश ने पिछले 22 साल का रिकॉर्ड तोड़ दिया है और राज्य में अबतक 254 मिमी बारिश दर्ज की गई है जो कि सामान्य से 87 फिसदी अधिक है.
राज्य के उत्तरी बिहार में जहां लगातार भारी और मध्यम बारिश होने से नदियों पर खतरा मंडराने लगा है वहीं मौसम विभाग ने पश्चिमी और मध्य बिहार में भी भारी बारिश की संभावना जताई है. जिन जिलों में रेड अलर्ट किया गया है वो हैं पश्चिमी चंपारण, पूर्वी चंपारण, गोपालगंज, सीवान, अररिया, किशनगंज, कटिहार, सहरसा. यहां भारी बारिश की संभावना जताई गई है, हालांकि राजधानी पटना के लिए 4 दिन फिलहाल राहत की बात है कि मौसम विभाग ने हल्की और मध्यम बारिश का पूर्वानुमान जताया है.
मौसम विभाग के अलर्ट को देखते हुए आपदा प्रबंधन विभाग ने भी सभी जिलाधिकारियों को अलर्ट कर दिया है साथ ही सभी नदियों के बांध पर चौकसी भी बढ़ा दी गयी है. नेपाल से सटे 12 जिलों में एनडीआरएफ की टीम की तैनाती कर दी गयी है साथ ही छोटे और बड़े नाव का भी प्रबंध कराया गया है, वहीं आपदा प्रबन्धन विभाग खुद भी सभी जिलों की मॉनिटरिंग में जुटा है और बतौर कंट्रोल रूम भी स्थापित कर लिए गए हैं.
कोसी,सीमांचल इलाकों पर राज्य सरकार की खास निगाहें हैं क्योंकि नेपाल से सटे इलाकों में भारी बारिश की वजह से नदियों पर ज्यादा खतरा बना रहता है. आईएमडी की माने तो राज्य में अभी 30 जून तक मानसून पूरी तरह सक्रिय रहेगा ऐसे में मध्यम और भारी बारिश की पूरी तरह संभावना बनी रहेगी.