बोरिंग रोड चौराहा पर पूजा पंडाल प्रसिद्ध बेलूर मठ सरीखा दिखेगा। लगभग 65 फीट के पंडाल का निर्माण मधुपुर झारखंड के कासिम और नासिर कर रहे हैं। प्रतिमा लगभग दस फीट ऊंची होगी। इसे कोलकाता बंगाल के मूर्तिकार बबलू पाल बना रहे हैं। पहली बार कोलकाता से मुकुट मंगाया जा रहा है। बोरिंग रोड चौराहे के चारों तरफ खास एलईडी लाइटिंग की जाएगी।
सत्येन्द्र सिन्हामोड़ से लेकर मांटेसरी गली तक रॉलेक्स और एलईडी की सजावट रहेगी। यहां पूजा की शुरुआत उमेश चंद्रवंशी ने 17 साल की उम्र में अनिल वर्मा, बॉब मेहता, शेखर सिन्हा, किशोर के साथ मिलकर की थी। शुरुआत में मूर्तिकार शिवशंकर पंडित अपने पिता के संग प्रतिमाएं बनाते थे। वर्तमान में अध्यक्ष उमेश सिंह चंद्रवंशी, सचिव-राजेश कुमार। राजेश चंद्रवंशी, प्रभात कुमार और अभिषेक पूजा समिति के सदस्य हैं।
यहां कभी माता की प्रतिमा कांसे की कलर में बनायी थी जिसकी चर्चा काफी हुई थी। एक बार माता को वैष्णो देवी सरीखे गुफा में स्थापित किया गया था। मिट्टी की साड़ी मां को पहनायी जाती थी। कुछ वर्ष पटना कला-शिल्प महाविद्यालय के छात्रों ने कलात्मक प्रतिमाएं बनायीं जिसकी काफी प्रशंसा हुई थी।
यहां पर बिहारी शैली में प्रतिमा बनाई जा रही है। पूजा व सजावट पर आठ लाख रुपए का खर्च होगा। तीन दिनों में दर्शन करने 8 लाख श्रद्धालु आते हैं। बनाये जाएंगे तोरण द्वार। प्रतिमा के पीछे बैकग्राउंड में प्लाई का काम दिखेगा। मर्करी के ऊपर डिस्को लाइट से चकाचौंध रहेगी। प्रतिमा पर 1.30 लाख खर्च
हलवा-पूड़ी और खीर का प्रसाद चढ़ाकर वितरित किया जाता है। पहली बार पूजा के आयोजन पर पांच हजार रुपए खर्च हुए थे।