मौसम विभाग ने बिहार के लिये चेतावनी जारी की है । मौसम विभाग का कहना है कि घरों में ही रहे । खुले जगहों पर जाने से बचे । खासकर पेड़ों के नीचे और खेत में । ठनका की प्रबल संभावाना है । घरों में रहने से सुरक्षित रह पाएंगे ।
मानसून के आगमन के तीसरे दिन प्रभाव बिहार के सभी जिलों के साथ ही पूर्वी उत्तर प्रदेश में देखने को मिला। मानसून के प्रभाव की वजह से मौसम विभाग ने बिहार राज्य के सभी जिलों में ब्लू अलर्ट जारी कर दिया है। तेज हवा के साथ मेघ गर्जन और 15 से 40 MM बारिश की संभावना है। इस दौरान बिहार के पूर्वी हिस्से में स्थिति पूर्वी-पश्चिमी चंपारण, जमुई और बांका में वज्रपात होने की आशंका है।
नमी के कारण सक्रिय हुआ तापमान
मौसम विभाग के मुताबिक बंगाल की खाड़ी में सक्रिय चक्रवाती हवा और निम्न हवा के दबाव के क्षेत्र और नमी की वजह से मानसून में तीव्रता दिखाई पड़ रही है जिससे बिहार में प्रवेश करने के साथ ही पूर्वी उत्तर प्रदेश को भी अपनी चपेट में ले लिया है। मौसम विभाग के मुताबिक मानसून की सक्रियता लगभग 12 वर्षों बाद दिखाई दे रही है। इससे पहले बिहार में प्रवेश करने के 4 से 5 दिन बाद उसका असर पटना और बिहार में दिखाई देता था। लेकिन इस बार पश्चिम बंगाल के बागडोरा से झारखंड होते हुए बिहार तक लगभग 12 सौ किलो मीटर की दूरी पूरी कर 24 घंटे के अंदर दरभंगा पहुंच गया जहां से 6 घंटे के बाद लगभग 400 किमी दूर उत्तर प्रदेश के बलिया गोरखपुर के साथ पूर्वांचल में सक्रिय हो गया।
दिन के साथ रात का तापमान आया नीचे
बिहार के विभिन्न हिस्सों में लगातार होने वाली बारिश की वजह से दिन के साथ रात के पारे में भी 3 से 12 डिग्री सेल्सियस की गिरावट दर्ज की गई। सोमवार को पटना में अधिकतम तापमान 33 डिग्री और न्यूनतम तापमान 22 डिग्री सेल्सियस रहने की संभावना है।
क्या है ब्लू अलर्ट
ब्लू अलर्ट का तात्पर्य बिहार के सभी हिस्सों में मेघ गर्जन के साथ 15 से 40 MM तक बारिश होने की संभावना है। इस दौरान 12 से 28 KM प्रति घंटे की रफ्तार से हवाएं चलने की संभावना है। आद्रता अधिक होने से उमश भरी गर्मी का भी प्रभाव देखने को मिल सकता है।
3 माह में 1000 MM बारिश, टूट सकता है रिकॉर्ड
मौसम विभाग के मुताबिक बिहार में मानसून सत्र के दौरान एक जून से 30 सितंबर तक लगभग 1000 MM बारिश होने की संभावना है। उससे पहले जून माह में 30 दिनों के अंदर 250 MM बारिश होने की आशंका जताई जा रही है। यह सामान्य से 80 MM अधिक होगी। हालांकि 2020 में 30 दिनों के दौरान 305 MM बारिश रिकॉर्ड किया गया था जो 10 साल के इतिहास में सबसे अधिक था।