तस्वीर बिहार के मधुबनी जिले के फुलपरास की है । संवेदकों ने भ्रष्टाचार के सभी हदों को पार कर दिया है । अभी तक आपने जितनी भी निर्माण की अनियमितता की खबर सुनी होगी उसमें आपने देखा होगा कि संबंधित लोग बालू, सिमेंट या गिट्टी की मात्रा में कमी करते हैं या घटिया सामग्री का उपयोग करते हैं । लेकिन ये मामला सबसे अनोखा है ।
यहाँ के संवेदक निर्माण कार्य में छड़ की जगह बांस और बांस के बत्ती का प्रयोग कर रहे हैं । फूलपरास डॉट कॉम के सोशल मीडिया अकाउंट के अनुसार संवेदकों ने भ्रष्टाचार के चरम सीमा को पार कर दिया है । न केवल घटिया सामग्री का प्रयोग कर रहे हैं बल्कि लोहे के सरिये की जगह बत्ती और बांस का प्रयोग कर रहे हैं जो कि बिहार और भारत सरकार के निर्माण संबंधी प्रारूपों के बिल्कुल खिलाफ है ।
हालांकि कुछ लोगों का ये मानना है कि बांस छड़ के बनिस्पत ज्यादा लचीला और टिकाउ होता है लेकिन फिर भी गाइडलाइन के अनुसार ही संवेदकों को काम करना चाहिये जो कि नहीं हो रहा है ।
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