इस वक्त की बड़ी ख़बर मिल रही है शिक्षा के क्षेत्र से जहां बीएसईबी ने एक बड़ा फैसला लिया है। बीएसईबी के फैसले से राज्य के लगभग 15 लाख से ज्यादा छात्र-छात्राओं के भविष्य पर ग्रहण लग सकता है । दरअसल बिहार बोर्ड ने सूबे के 500 कॉलेजों की मान्यता को लेकर उनसे जवाब तलब किया है।
बता दें कि बिहार विद्यालय परीक्षा समिति की तरफ से एक विज्ञापन जारी कर राज्य के 500 कॉलेजों की संबद्धता को लेकर सवाल खड़ा किया गया है।
माध्यमिक शिक्षक संघ उतरा विरोध में
हालांकि बिहार बोर्ड के इस रवैये के विरोध में माध्यमिक शिक्षक संघ उतर गया है। संघ के अध्यक्ष और एमएलसी केदारनाथ पांडे ने बिहार बोर्ड के इस कदम पर कड़ी नाराजगी जताते हुए कहा है कि बोर्ड को लाखों छात्रों के भविष्य के साथ खेलने का कोई हक नहीं है।
माध्यमिक शिक्षक संघ ने कहा है कि बिहार बोर्ड ने अपनी गलती छुपाने के लिए एकाएक विज्ञापन जारी कर लगभग 500 कॉलेजों की संबद्धता पर सवाल खड़ा किया है। बोर्ड के इस निर्णय से 15 लाख से ज्यादा छात्र प्रभावित होंगे संघ बोर्ड के इस छात्र विरोधी फैसले का पुरजोर विरोध करेगा। आपको बता दें कि बिहार बोर्ड की तरफ से एक विज्ञापन जारी कर बताया गया है कि बड़ी संख्या बिहार बोर्ड से संबद्ध कॉलेजों की संबद्धता खत्म हो चुकी है लिहाजा उन्हें उन्हें इस संबंध में बोर्ड कार्यालय को साक्ष्य देने होंगे। बिहार बोर्ड का फैसला ऐसे वक्त में आया है जब इन कॉलेजों से लाखों की संख्या में छात्र इंटर की परीक्षा देने की तैयारी कर रहे हैं।