बिहार में सत्तारूढ़ जदयू और भाजपा में सबकुछ ठीक हो चल रहा हो, ऐसा प्रतीत नहीं होता है। दोनों पार्टियों के नेता गाहे – बगाहे एक दूसरे पर ऐसे शब्द बाण छोड़ते रहते हैं जिससे सहजता भाव क्षीण होता हुआ दिखता है। अब यह वाकयुद्ध झारखंड के चुनाव परिणामों को लेकर शुरू हुआ है। जहाँ जदयू के नेता कह रहे हैं कि भाजपा नेतृत्व को यह सीखना चाहिए कि एनडीए में शामिल घटक दलों को कैसे साथ लेकर चला जाये।
वहीं भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता और पूर्व विधायक रामेश्वर चौरसिया ने कहा है कि पार्टी को अब बिहार में नेतृत्व परिवर्तन के बारे में सोचना चाहिए। अपने बयान में चौरसिया ने कहा है कि राज्य में जनता एक ही चेहरे को देखते हुए ऊब गई है ‘ऐसा हर क्षेत्र में होता है। बिहार को भी एक नए चेहरे की जरूरत है। ऐसे में पार्टी को अब बिहार में नेतृत्व परिवर्तन के लिए सोचना चाहिए। यह बयान दे उन्होंने मुख्यमंत्री बदलने की मांग कर दी है।
नोखा के पूर्व विधायक और वरिष्ठ भाजपा नेता रामेश्वर चौरासिया ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को आड़े हाथों लेते हुए कहा है कि लोग एक ही चेहरे को देख-देख कर ऊब गए हैं ऐसे में बिहार को भी एक नए चेहरे की जरूरत है।
पूर्व विधायक ने कहा ‘ऐसा हर क्षेत्र में होता है। बिहार को भी एक नए चेहरे की जरूरत है। ऐसे में पार्टी को अब बिहार में नेतृत्व परिवर्तन के लिए सोचना चाहिए।’ हालांकि बीजेपी नेता की इस मांग पर जेडीयू ने असहमति जताई है।
पार्टी के वरिष्ठ नेता केसी त्यागी ने कहा ‘कुछ चेहरे ऐसे होते हैं जिन्हें परखा जाता है, स्वीकार किया जाता है और वे करिश्माई होते हैं। स्वर्गीय अटल बिहारी वाजपेयी, कर्पूरी ठाकुर, नीतीश कुमार, पीएम नरेंद्र मोदी आदि इस श्रेणी में आते हैं। हमें नहीं लगता कि चेहरे को बदलने की आवश्यकता है।’
त्यागी नेकहा ‘ऐसी मांग करने के बजाय बीजेपी को अपने सहयोगियों को साथ लेकर चलना चाहिए। झारखंड में आजसू जैसे गठबंधन सहयोगियों के साथ लेकर चलने पर परिणाम अलग होते। ऐसा न करना झारखंड में बीजेपी की हार की प्रमुख वजह है।’