पाकिस्तान से आए टिड्डी दल (Locust Attack) अब बिहार पर हमले की तैयारी कर रहा है . राज्यस्थान, मध्य प्रदेश, गुजरात, उत्तर प्रदेश के बाद टिड्डी दल ने बिहार की तरफ रुख किया है। इसे लेकर बिहार सरकार ने अलर्ट जारी किया है.
किसानों में बढ़ी बेचैनी
राजस्थान और यूपी में फसलों की भारी बर्बादी से उत्तर बिहार के आम, लीची, मक्का व सब्जी उत्पादक किसानों की बेचैनी बढ़ गई है। टिड्डी पेड़, पौधे, मक्का, सब्जी और अन्य किसी भी फसल पर बैठती है तो उसे खा जाते हैं। उसके हटते ही फसल सूखने लगती है। अगर उत्तर बिहार में यह प्रवेश करता है तो लीची, आम, मक्का और सब्जी को भारी नुकसान होगा।
सबसे खतरनाक टिड्डी दल का हमला
बताया जाता है कि टिड्डी की विश्व में 10 हजार प्रजातियां हैं। अभी जो दल देश में आया है वो सबसे खतरनाक है। इसे रेगिस्तानी प्रजाति कहा जाता है, जो अफ्रीका में पाया जाता है। टिड्डी दल में करोड़ों की संख्या में लगभग दो ढाई इंच लंबे कीट होते है जो कुछ ही घंटे में किसान के खेत को साफ़ कर देते हैं.
ऐसे कर सकते हैं टिड्डी से बचाव
कृषि वैज्ञानिक के अनुसार टिड्डी झुंड बनाकर हजारों की संख्या में आगे बढ़ते हैं। यह रात में जब आराम करते हैं तब क्लोरोपायरीफॉस कीटनाशक का छिड़काव कर इनको रोका जा सकता है।अगर रात में टिड्डी दल खेत में बैठ जाये तो उनके ऊपर रासायनिक दवाइयों का प्रयोग ट्रैक्टर माउंटेड स्प्रेयर, पंप में क्लोरोपायरीफाश 20 प्रतिशत ईसी (1200 मिलीग्राम) या डेल्टामेथलीन 28 ईसी (400 मिलीग्राम) का तीव्र छिड़काव करें. पारंपरिक तरीके जैसे थाली, डम, ढोल बजा या तरह-तरह के आवाज कर भी इन्हें भगा सकते हैं।