बिहार विधानसभा के 243 सीटों पर चुनाव हो चुका है. इसके लिए लिए तीन चरणों में चुनाव कराये गए है. पहले चरण का चुनाव 28 अक्टूबर को, दुसरे चरण का चुनाव 3 नवम्बर और तीसरे चरण का चुनाव 7 नवम्बर को कराया गया है. अब सबकी नजर 10 नवम्बर को होने वाले मतों की गणना पर टिकी है.
हालाँकि इसके पहले तीसरे चरण का चुनाव खत्म होते ही सर्वे कंपनियों और टीवी चैनलों की ओर से एग्जिट पोल दिखाया गया. जिसमें महागठबंधन को कही 180 तो कही केवल 80 सीटें दी गयी है. वहीँ किसी एग्जिट पोल में एनडीए को बढ़त दिखाई गयी है. एग्जिट पोल से उत्साहित कांग्रेस पार्टी अब आगे की रणनीति बनाने में जुट गयी है. विधानसभा चुनाव में उसे महागठबंधन की ओर से लड़ने के लिए 70 सीटें दी गयी थी. जिसमें कांग्रेस को 35 से 40 सीटें जितने की संभावना जताई गयी है.
हालाँकि किसी तरह की गड़बड़ी से निपटने के लिए पार्टी के पूर्व अध्यक्ष राहुल गाँधी के निर्देश पर कई नेताओं को बिहार भेजा गया है. सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार इसमें राष्ट्रीय महासचिव रणदीप सिंह सुरजेवाला, चुनाव स्क्रीनिंग कमिटी के अध्यक्ष अविनाश पाण्डेय और बिहार के प्रभारी अजय कपूर हैं. सरकार बनने तक सभी नेता बिहार में ही रहेंगे. बताते चले की राहुल गाँधी ने इन नेताओं पर बिहार चुनाव में भरोसा जताया था. 25 दिन बिहार में रहनेवाला के बाद सुरजेवाला दो दिन पहले दिल्ली लौटे थे. इस तरह कयास यह लगाया जा रहा है की बिहार में यदि महागठबंधन की सरकार बनती है तो कांग्रेस की नजर उपमुख्यमंत्री की कुर्सी पर बनी है.