कोरोना वायरस के संक्रमण काल में इस घातक बीमारी से लड़ने के लिए कोरोना योद्धाओं का संघर्ष जारी है। इस बीच रोहतास (Rohtas) जिले के बिक्रमगंज (Bikramganj) के रहने वाले दो चचेरे भाई अपना गुल्लक लेकर सासाराम के आपदा प्रबंधन प्रशाखा में पहुंच गए। दरअसल, इन बच्चों ने पीएम नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) का संबोधन सुना था। इसके बाद इन्होंने गुल्लक में मौजूद पैसों को प्रधानमंत्री तक पहुंचाने की बात सोच ली। वहां मौजूद कर्मचारियों को इन बच्चों ने बताया कि आज उनका जन्मदिन है और अपने जन्मदिन को बेहतर तरीके से मनाने के लिए दोनों चचेरे भाइयों ने एक साल से पैसे जमा किए थे। लेकिन वो इस गुल्लक का पैसा पीएम नरेंद्र मोदी को देना चाहते है।
इन दोनों बच्चों को आपदा नियंत्रण के लिए बनाए गए प्रबंधन प्रशाखा में भेज दिया गया। जहां अधिकारियों के समक्ष बच्चों ने अपना गुल्लक तोड़ा। इस दौरान इन दोनों भाइयों के गुल्लक से 9 हज़ार के करीब सिक्के तथा नोट मिले।
बच्चों और अधिकारियों ने मिलकर गिने गुल्लक के पैसे
इन तमाम सिक्कों तथा नोट को अधिकारियों के टेबल पर लाकर गिनती की गई और इन पैसों को राहत कोष में दान कर दिया गया। गुल्लक तोड़ने के बाद जो सिक्के तथा रुपए निकले उन सब को जोड़ कर कुल 9036 रुपए निकले। दोनों बच्चों के इस वीरता पूर्ण कार्य की सब लोग प्रशंसा कर रहे हैं।
कोरोना वायरस के संक्रमण काल में इस घातक बीमारी से लड़ने के लिए कोरोना योद्धाओं का संघर्ष जारी है। इस बीच रोहतास (Rohtas) जिले के बिक्रमगंज (Bikramganj) के रहने वाले दो चचेरे भाई अपना गुल्लक लेकर सासाराम के आपदा प्रबंधन प्रशाखा में पहुंच गए। दरअसल, इन बच्चों ने पीएम नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) का संबोधन सुना था। इसके बाद इन्होंने गुल्लक में मौजूद पैसों को प्रधानमंत्री तक पहुंचाने की बात सोच ली। वहां मौजूद कर्मचारियों को इन बच्चों ने बताया कि आज उनका जन्मदिन है और अपने जन्मदिन को बेहतर तरीके से मनाने के लिए दोनों चचेरे भाइयों ने एक साल से पैसे जमा किए थे। लेकिन वो इस गुल्लक का पैसा पीएम नरेंद्र मोदी को देना चाहते है।
इन दोनों बच्चों को आपदा नियंत्रण के लिए बनाए गए प्रबंधन प्रशाखा में भेज दिया गया। जहां अधिकारियों के समक्ष बच्चों ने अपना गुल्लक तोड़ा। इस दौरान इन दोनों भाइयों के गुल्लक से 9 हज़ार के करीब सिक्के तथा नोट मिले।
क्या कहते हैं आदर्श और कनिष्क
इन बच्चों का कहना है कि हम दोनों ने पीएम नरेंद्र मोदी का संबोधन सुना। इसके दौरान आस-पड़ोस के गरीबों की मदद करने की बात सुनी। इसके बाद हम दोनों भाइयों ने निर्णय लिया कि इस बार अपना जन्मदिन नहीं मनाएंगे और गुल्लक में जो पूरे साल पैसा जमा किया है। उसे गरीबों के लिए दे देंगे। इनमें से आदर्श नामका बच्चा केवल 9 साल का है। मीडिया से बातचीत में उसने कहा कि ऐसे तो हर साल बहुत धूमधाम से उसका जन्मदिन मनाया जाता है। लेकिन इस बार वह जन्मदिन ना मना कर ज्यादा खुश है। क्योंकि उसे लग रहा है कि उन लोगों ने कोई अच्छा काम किया।
पीएम तक पैसा भेजने का नहीं सूझ रहा था कोई रास्ता
दरअसल, जब इन दोनों बच्चों को कुछ नहीं सूझी तो गुल्लक लेकर ही समाहरणालय पहुंच गए। इनमें से एक बच्चे आदर्श को उसके पिता अखिलेश सिंह ने बताया कि डीएम साहब उसके पैसे को प्रधानमंत्री तक भेज सकते हैं।
कोरोना वायरस के संक्रमण काल में इस घातक बीमारी से लड़ने के लिए कोरोना योद्धाओं का संघर्ष जारी है। इस बीच रोहतास (Rohtas) जिले के बिक्रमगंज (Bikramganj) के रहने वाले दो चचेरे भाई अपना गुल्लक लेकर सासाराम के आपदा प्रबंधन प्रशाखा में पहुंच गए। दरअसल, इन बच्चों ने पीएम नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) का संबोधन सुना था। इसके बाद इन्होंने गुल्लक में मौजूद पैसों को प्रधानमंत्री तक पहुंचाने की बात सोच ली। वहां मौजूद कर्मचारियों को इन बच्चों ने बताया कि आज उनका जन्मदिन है और अपने जन्मदिन को बेहतर तरीके से मनाने के लिए दोनों चचेरे भाइयों ने एक साल से पैसे जमा किए थे। लेकिन वो इस गुल्लक का पैसा पीएम नरेंद्र मोदी को देना चाहते है।
इन दोनों बच्चों को आपदा नियंत्रण के लिए बनाए गए प्रबंधन प्रशाखा में भेज दिया गया। जहां अधिकारियों के समक्ष बच्चों ने अपना गुल्लक तोड़ा। इस दौरान इन दोनों भाइयों के गुल्लक से 9 हज़ार के करीब सिक्के तथा नोट मिले।
Input : News18