पटना इस बार तैयार है । एक ऐसे आयोजन क लिये जो न केवल अनुठा है बल्कि संगीत के उन अनछुए पहलु से आपको रूबरू कराएगी जिसकी आपने कभी कल्पना भी नही की होगी । जी हाँ हम बात कर रहे हैं अदब-ए-मौसिक़ी की, जिसमें संगीत के घराना परंपरा से लेकर तवायफ परंपरा सब पर चर्चा होगी । ग्वालियर घराना का ख्याल होगा तो दरभंगा घराना का ध्रुपद । 18 लिजेंडरी ऑथर संगीत के अनछुए पहलू पर चर्चा करेंगे ।
यह कार्यक्रम भारत में अपनी तरह का पहला कार्यक्रम है, जिसमें संगीतकारों के जीवन, घराना परंपरा, देवदासी और तवायफ परंपरा आदि पर विमर्श-वार्ता के साथ सत्र और संगीत-प्रस्तुति के तीन सत्र आयोजित होंगे। देश के लब्धप्रतिष्ठ संगीतज्ञ और संगीत लेखक इस कार्यक्रम में शिरकत करेंगे ।
आयोजक नवरस स्कूल ऑफ परफॉर्मिंग आर्ट्स हैं जो लंबे वक्त से बिहार में क्लासिकल म्यूज़िक और आर्ट से जुड़े इवेंट्स आयोजित करा रहे हैं । पटना लिट्रेचर फेस्टिवल भी इन्हीं की देन है ।
पटना के तारामंडल स्थित ऑडिटोरियम में यह कार्यक्रम 21 सितंबर के शाम 5 बजे से शुरू होगा जो अगले शाम 9 बजे तक पाठकों को अपने संगीत में डुबाए रखेगा । ज्ञात हो कि इससे पहले भी नवरस स्कूल ऑफ आर्ट पटना में कई बार लिट्रेचर फेस्टिवल करवा चुका है लेकिन संगीत पर आधारित यह क्रार्यक्रम एकदम नया और अनुठा है ।