डीएलएड कोर्स करने वालों के लिए खुशखबरी है । शिक्षा विभाग की माने तो हाईकोर्ट के फैसले के बाद 71 हजार प्रारंभिक स्कूलों में 90 हजार से ऊपर शुक्षकों की बहाली की प्रक्रिया शुरू कर दी जाएगी। गौरतलब है कि सरकार ने इस प्रक्रिया को 11 फरवरी से रोक दिया था।
20 मार्च तक एलपीए दायर करने की तैयारी में शिक्षा विभाग
बता दें की अभी तक शिक्षा विभाग को एनसीटीई के द्वारा 18 माह वाले डीएलएड से संबंधित मान्यता से संबंधित किसी तरह का कोई आदेश नहीं मिला है। एनसीटीई ने शिक्षा विभाग को 2 साल के डीएलएड कोर्स वालों को ही शिक्षक बनाने के लिए कहा था। वहीं 21 जनवरी को हाईकोर्ट ने 18 माह के डीएलएड प्रशिक्षित को शिक्षक नियोजन में शामिल कराने पर फैसला दिया था। जबकि बताया जा रहा है कि एनआईओएस से 18 माह का डीएलएड प्रशिक्षित को मान्यता देने संबंधित किसी प्रकार का आदेश जारी नहीं हुआ है अतः अब एनसीटीई से बात करने के बाद शिक्षा विभाग 20 मार्च तक हाईकोर्ट में एलपीए दायर करेगा और यह आदेश लेगा कि प्रारंभिक स्कूलों में शिक्षक नियोजन की प्रक्रिया पूरी की जाए।
2 साल का डीएलएड प्रशिक्षित होना अनिवार्य
नेशनल काउंसिल फॉर टीचर्स एजुकेशन शिक्षा विभाग आदेश निर्गत करते हुए कहा था की डीएलएड के मामले में शिक्षक अभ्यर्थी को न्यूनतम 2 साल वाले डीएलएड कोर्स में प्रशिक्षित होना चाहिए । एनसीटी का हवाला देते हुए शिक्षा विभाग ने सभी डीपीओ सहित नियोजन इकाइयों को पत्र भेजा था कि 18 माह का डीएलएड कोर्स वालों को शिक्षक नियोजन में शामिल नहीं करें । बता दें की एनआईओएस से राज्य के लगभग 240000 लोगों ने 18 माह का डीएलएड कोर्स किया था । इसमें से दो लाख फिलहाल निजी स्कूलों में शिक्षक हैं प्राथमिक शिक्षा निदेशक डॉ रंजीत कुमार सिंह ने बताया है कि एनसीटीई अगर 18 माह वाले डीएलएड कोर्स के लिए कोई मान्यता संबंधी पत्र देता है तो फिर उस पर विचार किया जाएगा ।