पूरा देश कोरोना के संकट काल से गुजर रहा है। देश भर में कोरोना वायरस से 109 मौतें हो चुकी है, जबकि 4000 से ज्यादा लोगो कोरोना संक्रमित पाए गए हैं। ऐसे में बिहार में कोरोना तेजी से पैर पसार रहा है।
बिहार में कोरोना के 32 केस पॉजिटिव मिले हैं इतना ही नहीं हाल में हजारों की संख्या में दिल्ली से लोग बिहार पहुंचे थे, जिनका स्वास्थ्य जांच करना बेहद जरूरी है। ऐसे में डॉक्टरों की जिम्मेदारी बढ़ जाती है। लेकिन बिहार में सैकड़ों ऐसे डॉक्टर हैं जिनकी कोरोना काल में भी लापरवाही सामने आई है।
बिहार सरकार स्वास्थ्य विभाग द्वारा अलग-अलग दिन कराए गए औचक जांच के दौरान 198 डॉक्टर अपने अस्पतालों में अनुपस्थित पाए गए।।इसके बाद विभाग में हड़कंप मच गया।एक ओर स्वास्थ्य विभाग वैश्विक महामारी कोरोना के संकट से निबटने में जुटा है, वहीं चिकित्सा पदाधिकारियों के अस्पताल से गायब होने का गंभीर मामला सामने आया है। स्वास्थ्य विभाग से जारी निर्देश के अनुसार सभी स्वस्थ्यकर्मियों की छुट्टियां 30 अप्रैल तक रद्द की जा चुकी है। इसके बाबजूद डॉक्टर अपने कार्यस्थल से गायब पाए जा रहे हैं।
विभाग ने 31 मार्च को 76, एक अप्रैल को 60 और दो अप्रैल को 62 डॉक्टरों को अनुपस्थित पाया। इसके बाद तत्काल 76 डॉक्टरों से स्पष्टीकरण मांगा गया है कि क्यों नही उनके खिलाफ आपदा कानून, 2005 और महामारी कानून के तहत कार्रवाई की जाए।