कोरोना वायरस का संक्रमण भी प्रेमी युगलों के इरादे को नहीं तोड़ पाया. वायरस का खौफ भी प्रेम के आगे हार गया. सूबे में मार्च से लेकर अक्तूबर तक 1670 लड़कियां घर की दहलीज को पार करने से नहीं डरीं. जिस समय पूरे विश्व में कोरोना संक्रमण को लेकर लॉकडाउन की स्थिति थी, उस समय लड़कियों के प्रेम प्रसंग में भागने की सूचनाएं थाना पुलिस को मिल रही थीं. जबकि इस समय घर से निकलने तक पर प्रतिबंध लगा दिया गया था लोग भी कोरोना के डर से घर के अंदर बंद थे. लेकिन, प्रेमी युगल घर से गायब हो रहे थे.
बिहार पुलिस के मार्च से लेकर अक्तूबर तक लड़कियों के प्रेम प्रसंग में भागने के जो आंकड़े है, वे चौकानें वाले हैं. भारत में भी 21 मार्च से कोरोना को लेकर लॉकडाउन लगा दिया गया था. लेकिन, मार्च में 308 लड़कियां प्रेम प्रसंग में भागीं. लॉकडाउन को सख्ती से लागू किया गया, तो भागने की संख्या में काफी गिरावट आयी और सिर्फ 63 केस ही दर्ज किये गये. लेकिन, जून में फिर से 232, जुलाई में 219, अगस्त में 255, सितंबर में 234 और अक्तूबर में 256 केस विभिन्न थानों में दर्ज किये गये. नवंबर-दिसंबर में बिहार में कोरोना संक्रमण का खतरा काफी कम होने के कारण कई तरह की व्यवस्थाएं शुरू कर दी गयी थीं और लोग पूर्व की तरह जीवन-यापन करने लगे.
पटना भी नहीं रहा पीछे
प्रेमी युगलों के भागने के जो आंकड़े हैं, उसमें पटना जिला भी पीछे नहीं है. मार्च में 103, अप्रैल में 24, मई में 48, जून में 91, जुलाई 71, अगस्त में 82, सितंबर में 90 और अक्तूबर में 93 मामले दर्ज किये गये. हालांकि, इसमें प्रेम प्रसंग के अलावा शादी की नीयत से गायब करने के भी मामले शामिल हैं. पटना जिले में कुल 602 मामले दर्ज किये गये, जो पूरे सूबे के अन्य जिलों से सबसे अधिक है.
अहले सुबह में घर से भागने की अधिकतर हुईं घटनाएं
कोरोना काल के दौरान अहले सुबह घर से भागने की अधिकतर घटनाएं हुईं. इस दौरान शहर में वाहनों के चलने पर मनाही थी और पुलिस की लगातार गश्ती भी हो रही थी. लेकिन, आमतौर पर अहले सुबह गश्ती और पुलिस की सुस्ती का फायदा उठा कर प्रेमी युगल घर से निकल गये. इसका एक कारण यह भी है कि अहले सुबह किसी की भी नींद काफी गहरी होती है. अगर दिन में घर से निकलते तो परिजन जाने ही नहीं देते. एक सवाल तो जरूर होता कि लॉकडाउन में कहां जा रहे हैं?