ग्रामीण कार्य विभाग ने करीब 1500 ठेकेदारों पर कार्रवाई की है. इस कार्रवाई के बाद ठेकेदार किसी भी सरकारी टेंडर में भाग नहीं ले सकते हैं. विभाग के आदेश के बाद भी सभी ठेकेदार सरकारी सिस्टम में ऑनलाइन जानकारी नहीं दे रहे थे.
कई बार दी गई थी चेतावानी
ग्रामीण कार्य विभाग ने कार्रवाई करने से पहले ठेकेदारों को कई बार चेतावनी दी थी. इसके साथ ही बिहार ठेकेदार नियमावली के तहत ग्रामीण कार्य विभाग ने ठेकेदारों को पूरी जानकारी ऑनलाइन देने को कहा था. जून 2018 के पहले से निबंधन कराए ठेकेदारों को यह जानकारी देना जरूरी था. इसको लेकर मार्च 2019 का तक समय भी दिया गया था, लेकिन ठेकेदारों ने विभाग की चेतावनी को नहीं माना.
विभाग के अभियंता प्रमुख प्रवीण कुमार ठाकुर की ओर से इसके बारे में बताया गया है कि जो ठेकेदार ऑनलाइन सिस्टम में शिफ्ट नहीं हुए है. उनके ही खिलाफ कार्रवाई की गई है. ऐसे ठेकेदारों की सूची सार्वजनिक कर दी गई है. ऑनलाइन सिस्टम का मकसद यह है कि विभाग में काम करने वाले ठेकेदारों की पूरी जानकारी ऑनलाइन रहे. ऑनलाइन सिस्टम से जुड़ने पर ठेकेदार के रजिस्ट्रेशन किन-किन योजनाओं पर काम कर रहे हैं, उसकी प्रगति क्या है, वह कभी काली सूची में डाले गए या उनपर जुर्माना लगा है. इसकी जानकारी मिलती. लेकिन ये ठेकेदार इससे बचना चाहते थे और सरकारी ऑनलाइन सिस्टम से नहीं जुड़ रहे थे.