झारखंड के बोकारो में एक व्यक्ति की भूख से मौत हो गई और प्रशासन की नींद तब टूटी जब मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने ट्वीट कर कार्यवाही का निदेश दिया । अब प्रशासन लीपापोती में लग गया है । 42 साल के भूखल घासी की भूख से मौत के बाबत उसकी पत्नी का कहना है कि हमारे पास खाना नहीं था ।
किसी भी दोषी व्यक्ति को बख्शा नहीं जाएगा।
सचिव खाद्य आपूर्ति को तुरन्त बोकारो भेज इस मौत के मामले पर जाँच एवं ज़रूरी कार्रवाई की जा रही है।
साथ ही .@BokaroDc , कृपया पीड़ित परिवार को अविलम्ब राहत पहुँचाते हुए विशेष शिविर लगा ऐसे हर ज़रूरतमंद परिवार को राशन कार्ड उपलब्ध कराएँ। https://t.co/oCnmpsT0Lw
— Hemant Soren (@HemantSorenJMM) March 7, 2020
प्राप्त खबरों के मुताबिक बोकारो में एक 42 साल के व्यक्ति की कथित तौर पर खाना न मिलने से मौत हो गई। मृतक का नाम भूखल घासी था। भूखल के परिवार का दावा है कि उनके घर में कई दिनों से खाना नहीं था। खाना न मिलने पर भूखल की मौत हो गई। वहीं इसके उलट बोकारो प्रशासन कुछ और ही दावे कर रहा है। प्रशासन का कहना है कि भूखल की मौत भूख से नहीं बल्कि बीमारी से हुई है । वह कई महीनों से बीमार था।
भूखल घासी के परिवार के पास न ही राशन कार्ड था और न ही आयुष्मान कार्ड। मृतक की पत्नी रेखा देवी ने बताया कि पिछले कई दिनों से उनके घर में खाने के लिए कुछ नहीं था । पत्नी के दावे को गलत बताते हुए बोकारो जिले के आयुक्त मुकेश कुमार ने कहा, ‘भूखल रक्तहीनता से पीड़ित था और डॉक्टरों की निगरानी में था । वह बेंगलुरु में काम करता था और बीमार पड़ने के बाद 6 महीने पहले ही यहां लौटा था। भूखल की मौत बीमारी से हुई है।’
उन्होंने कहा, ‘भूखल का पूरा परिवार रक्तहीनता की बीमारी से ग्रसित है। बीडीओ को निर्देश दिए गए हैं कि उसके परिवार को तत्काल विधवाओं के लिए भीमराव अंबेडकर आवास योजना के तहत लाभ दिए जाएं । उसकी पत्नी भी गंभीर रूप से बीमार है। सरकारी फंड से उनका इलाज किया जाएगा ।पूरे परिवार का इलाज कराया जाएगा।’
झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने इस मामले को गंभीरता से लेते हुए ट्विटर के जरिए अधिकारियों को पीड़ित परिवार की मदद के निर्देश दिए हैं। मुख्यमंत्री के ट्वीट के बाद अधिकारी हरकत में आए और जिले के डिप्टी कमिश्नर अपनी टीम के साथ भूखल घासी के गांव पहुंचे।