सोशल मीडिया पर एक खबर बार बार आ रही है कि दिल्ली पुलिस ने ही बसों में तोड़ फोड़ की है और आग लगाई है । लोगों ने बिना जाने समझे इसे शेयर करना शुरू कर दिया है और लोगों को पुलिस के प्रति घृणा लगातार बढ़ती जा रही है । कोई मामले की तह तक नहीं जाना चाहता कि रक्षक भक्षक कैसे बन जाएगा ।
ऐसे में इस हंगामें की क्या सच्चाई है इस बात को लेकर दिल्ली पुलिस के PRO एमएस रंधावा ने प्रेस कॉन्फ्रेंस की है।
उन्होंने कहा है कि अफवाहें उड़ाई जा रही हैं। इन सारी अफवाहों पर भरोसा न किया जाए। रंधावा ने मीडिया को बताया कि रविवार की दोपहर स्टूडेंट्स का प्रोटेस्ट शुरू हुआ। इस प्रोटेस्ट में जामिया इलाके में रहने वाले लोग भी शामिल हुए। सराय जुलैना चौक पर प्रदर्शनकारी इकट्ठे हुए, वहां पुलिस पहले से मौजूद थी। पुलिस ने इन लोगों को रोकने की कोशिश की, तो इन लोगों ने गाड़ियों को आग लगा दी।
रंधावा ने कहा,
पुलिस प्रदर्शनकारियों को पीछे पुश कर रही थी, तो वो लोग कैम्पस में घुस गए। वहां से भी पथराव हुआ। बल्ब-ट्यूबलाइट फेंके गए। हिंसा में DTC की चार बसों को बर्बाद किया गया है। इसमें करीब 30 पुलिसकर्मियों को भी चोट आई है। एक हमारा साथी ICU में हैं। हमने कुछ स्टूडेंट्स को हिरासत में लिया था। बाद में उन्हें छोड़ भी दिया। दो FIR दर्ज हुई है। इसकी जांच क्राइम बांच करेगा। हर एक पहलू की जांच होगी।
वहीं, प्रदर्शन के दौरान फैली अफवाहों पर उन्होंने कहा कि सोशल मीडिया पर आने वाले किसी भी मैसेज पर भरोसा न करें। उन्होंने कहा कि एक फोटो वायरल करके लोग कह रहे थे कि पुलिस ने बस में आग लगाई जबकि उसमें चिंगारी लगी थी और जवान उसे बुझाने की कोशिश कर रहे थे। इसके साथ ही उन्होंने बताया कि चार-पांच लोगों की मौत की अफवाह भी उड़ी थी, लेकिन ऐसा कुछ नहीं हुआ है। उन्होंने बताया कि पुलिस ने कम से कम फोर्स का इस्तेमाल किया है और वह यूनिवर्सिटी एडमिनिस्ट्रेशन से बात कर रही है। उन्होंने स्टूडेंट्स को आश्वासन दिया कि उन्हें घबराने की जरूरत नहीं है, एक्शन सिर्फ उनके खिलाफ लिया जाएगा जो हिंसा में शामिल थे।
#WATCH Delhi Police PRO, MS Randhawa addresses the media over yesterday’s incident at Jamia Millia Islamia. https://t.co/1TFsnP2iLW
— ANI (@ANI) December 16, 2019
इधर जामिया प्रशासन की तरफ से कहा गया है कि पुलिस बिना परमिशन के कैम्पस के अंदर घुसी थी। इसे लेकर जब रंधावा से सवाल किया गया तब उन्होंने कहा,
‘हम प्रदर्शनकारियों को पीछे करने की कोशिश कर रहे थे। हमारे ऊपर पथराव हो रहा था। तो इसलिए हमने उनके ऊपर आंसू गैस का इस्तेमाल किया। वो अंदर घुस गए। उन्हें निकालने के लिए ही हम अंदर गए थे। हम जांच कर रहे हैं। दूसरा ये कि उनमें कुछ रेसिडेंशियल लोग भी थे। हम उन्हें पहचानने की कोशिश भी कर रहे हैं और जांच कर रहे हैं।’
एक वीडियो वायरल हुआ है, जिसमें कुछ लड़कियां पुलिसवालों से एक लड़के को बचाते दिख रही हैं, लेकिन पुलिसकर्मी उन्हें मार रहे हैं। इस वीडियो को लेकर जब रंधावा से सवाल किया गया तब उन्होंने कहा, ‘जो भी वीडियो आए हैं, उनकी हम जांच कर रहे हैं।’
हालाकि इस दौरान मीडिया ने उन्हे उकसाने की बहुत कोशिश की और उनसे बार बार जवाब मांगते रहे लेकिन रंधावा ने संयमित होकर बस एक ही जवाब दिया कि जांच चल रही है और उसके बाद ही हम कुछ कह पाएंगे ।