राम जन्मभूमि मामले पर आज साढ़े दस बजे फ़ैसला आएगा । फ़ैसला आने के बाद किसी भी तरह की कोई अप्रिय घटना ना हो, इसके लिए प्रशासन कई पुख़्ता इंतज़ाम किये हैं। कहीं फ्लैग मार्च, कहीं सद्भावना रैली, तो कहीं हस्ताक्षर अभियान चलाया जा रहा है। केंद्र सरकार से लेकर यूपी सरकार और वहाँ का पूरा प्रशासनिक अमला हाई अलर्ट पर आ चुका है। कई जिले में 144 लागु है तो कई हाई-अलर्ट पर ।
गुरुवार (7 नवंबर) को यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने वीडियो कॉन्फ्रेन्सिंग के ज़रिए सभी ज़िलों के ज़िलाधिकारियों और पुलिस सुपरिटेंडेंट के साथ सुरक्षा व्यवस्था की समीक्षा की। इसके अलावा, उन्होंने लखनऊ में आला अधिकारियों के साथ बैठक भी की। इस बैठक में डीजीपी, मुख्य सचिव से लेकर वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारी शामिल रहे। अयोध्या मामले पर आने वाले फ़ैसले को ध्यान में रखते हुए लखनऊ महोत्सव की तारीख जनवरी के तीसरे सप्ताह तक के लिए बढ़ा दी गई है।
पूरे प्रदेश के 10000 उपद्रवियों पर नज़र रखी जा रही है । करीब 1659 सोशल मीडिया खाते पर सरकार 24 घंटे नजर बनाए हुए हैं । वहीं पुरे राज्य में 500 गिरफ्तारियां की गई ।
नवभारत टाइम्स की ख़बर के अनुसार, यूपी के डीजीपी ओपी सिंह ने बताया कि हमारे रडार पर क़रीब 10 हज़ार लोग हैं। उन पर नजर रखी जा रही है, जिससे वो किसी भी तरह की अशांति न फैला सकें। वहीं, 500 से अधिक लोगों को गिरफ़्तार कर जेल भेजा गया है। उन्होंने बताया कि फिलहाल पुलिस का काम सोशल मीडिया पर कड़ी निगरानी रखना है, जिसके लिए बक़ायदा एक टीम को लगाया गया है। अभी तक ऐसे क़रीब 1,659 लोगों के सोशल मीडिया अकाउंट्स पर यूपी पुलिस की नज़र है, जिनसे सामाजिक सौहार्द बिगाड़ने वाली पोस्ट किए जाने की संभावना है।
पुलिस की तरफ से सुरक्षा के मद्देनज़र एक पूर्व मंत्री समेत 10 पूर्व विधायकों को भी ज़िला छोड़ने का नोटिस दिया गया है। साथ ही यह चेतावनी दी गई है कि यदि वो फ़ैसले वाले दिन मेरठ में दिखाई दिए तो उनकी तुरंत गिरफ़्तारी होगी। हालाँकि, प्रशासन की ओर से इन 10 लोगों के नाम उजागर नहीं किए गए हैं, लेकिन बताया जा रहा है कि पूर्व विधायक योगेश वर्मा और पूर्व मंत्री याकूब क़ुरैशी के अलावा ऐसे कई अन्य उपद्रवियों की पहचान की गई है, जिन पर पहले से ही संगीन धाराओं में मामले दर्ज हैं।
इसके अलावा, कई अस्थाई जेलें भी बनाई गईं हैं। बरेली ज़ोन के शहर शाहजहाँपुर, बदायूँ, पीलीभीत, रामपुर, मुरादाबाद, संभल, अमरोहा और बिजनौर में 4 हजार से अधिक ऐसे लोग चिन्हित किए गए हैं, जो बवाल करवा सकते हैं। इसके अलावा 90 ऐसे स्थान चिन्हित किए गए हैं, जो संवेदनशील हैं।
अयोध्या मामले पर आने वाले फ़ैसले के मद्देनज़र ज़िले में 30 बम निरोधक दस्तों की तैनाती भी की गई है। साथ ही 10 नवंबर तक 150 कंपनियाँ केंद्र की तरफ से और 150 कंपनियाँ राज्य सरकार की तरफ से सुरक्षा के लिए तैनात की जाएँगी। वहीं, भारतीय रेलवे भी अयोध्या फ़ैसले को देखते पुख़्ता इंतज़ाम में जुट गया है। इसके लिए रेलवे पुलिस की तरफ से सात पेज की एडवाइज़री जारी की गई है। इस एडवाइजरी के तहत RPF के जवानों की छुट्टी रद्द कर दी गई है। रेलवे पुलिस ने देश के 78 रेलवे स्टेशनों को अति संवेदनशील माना है, जहाँ सुरक्षा के ठोस इंतज़ाम किए जा रहे हैं। इस स्टेशन में दिल्ली, मुंबई, महाराष्ट्र समेत यूपी के कई स्टेशन शामिल हैं।