लाइसेंसी हथियारों के प्रदर्शन और शादी समेत अन्य खुशी के मौके पर फायरिंग से होने वाली मौतों को रोकने के लिए नया कानून बनाया जा रहा है। इसमें ऐसी फायरिंग करने वाले के लिए दो साल जेल की सजा और एक लाख रुपये जुर्माने का प्रावधान होगा।
नए कानून के तहत एक व्यक्ति एक ही हथियार का लाइसेंस ले सकेगा, जबकि पुराने कानून में एक लाइसेंस पर तीन हथियार लिए जा सकते थे। यह सजा लापरवाही से और बेतुकी फायरिंग करने पर भी दी जाएगी। शस्त्र (संशोधन) कानून, 2019 लोकसभा में पेश कर दिया गया है और इसके इसी सत्र में पारित होने की संभावना है। प्रस्तावित कानून में राज्यों को सलाह दी गई है कि एक व्यक्ति एक शस्त्र का नियम पारिवारिक या विरासतीय शस्त्रों के मामले में भी पूरी तरह से लागू किया जाए। कानून में कहा गया है कि जिसके पास एक से ज्यादा शस्त्र हैं उसे नए कानून के लागू होने के एक साल में बाकी के शस्त्र नजदीकी पुलिस थाने में वापस करने होंगे। प्रतिबंधित बोर (सेना और पुलिस के हथियारों के बोर) के हथियार रखने पर कम से कम सात वर्ष और अधिकतम 14 वर्ष की सजा का प्रावधान किया जा रहा है। मौजूदा शस्त्र कानून, 1959 में यह सजा कम से कम पांच वर्ष की थी।
देशभर में 35.8 लाख लाइसेंसी हथियार गृह मंत्रालय के अनुसार देश में नवंबर 2018 तक 35,87,016 लाइसेंसी हथियार हैं जिनमें पिस्तौल, .38 रिवाल्वर,12 बोर बंदूक, .315 बोर की राइफलें शामिल हैं। सबसे ज्यादा लाइसेंसी हथियार जम्मू-कश्मीर (3859 शस्त्र प्रति लाख जनसंख्या), पंजाब में 1390, हिमाचल में 1331, यूपी में 644 और एमपी में 365 शस्त्र प्रति लाख जनसंख्या में हैं।
पुलिस का हथियार लूटने पर उम्रकैद प्रस्तावित कानून में पुलिस या सशस्त्र बलों से लूटे गए हथियार रखने पर उम्रकैद तक की सजा का प्रावधान किया गया है। संगठित अपराध सिंडिकेट यदि शस्त्र लेकर जाएंगे तो उन्हें इसके लिए कम से कम 10 वर्ष और अधिकतम उम्रकैद की सजा दी जाएगी ।