यूपी के जौनपुर लोकसभा सीट से बीजेपी के तीन बार के सांसद रहे स्वामी चिन्मयानंद की मुश्किलें अब और बढ़ती जा रही है । इस मामले की जांच के लिए बनी एसआईटी को पीड़ित लड़की ने सबूत सौंपे हैं । लड़की ने 64 जीबी की एक पेन ड्राइव में 40 से ज्यादा वीडियो एसआईटी को दिए हैं । अंग्रेजी अखबार इंडियन एक्सप्रेस से बातचीत में छात्रा ने कहा है कि उम्मीद है कि इन वीडियो के जरिए न्याय मिलेगा ।
दुराचार का आरोप लगाने वाली एलएलएम छात्रा ने एसआईटी को 43 वीडियो और सौंपे हैं। छात्रा का कहना है कि हर वीडियो में चिन्मयानंद के खिलाफ कुछ न कुछ है। यह वीडियो किसी हिडेन कैमरे से बनाए गए हैं। छात्रा का दावा है कि स्वामी लॉ की एक अन्य छात्रा का भी शारीरिक शोषण कर रहे थे और स्वामी को ‘ब्लैकमेलर’ कहा है। उसके वीडियो भी एसआईटी को सौंपे गए हैं। एसआईटी ने स्वामी चिन्मयानंद के दो कीमती मोबाइल शनिवार को कब्जे में लिये हैं। इनमें छात्रा की वीडियो क्लिप हो सकती हैं।
सूत्रों के मुताबिक, पीड़िता ने कहा है कि “चिन्मयानंद ने ही नहाते समय का मेरा (पीड़िता) वीडियो अपने विश्वासपात्र से तैयार करवाया था। वीडियो हाथ लगते ही चिन्मयानंद ने मुझे ब्लैकमेल कर हवस का शिकार बनाना शुरू कर दिया।” सूत्रों ने बताया कि फिलहाल एसआईटी ने पीड़ित पक्ष की तरफ से मुहैया कराए गए वीडियो और बाकी अन्य तमाम सीलबंद चीजों को फॉरेंसिक टीम के हवाले कर दिया है, ताकि 23 सितंबर को जब एसआईटी मामले की जांच की प्रगति रिपोर्ट के साथ हाईकोर्ट की निगरानी पीठ के सामने पेश हो, तब वहां वह सब कुछ साफ-साफ बता सके।
इस बीच, पीड़िता और उसके परिवार ने शनिवार को स्थानीय मीडिया से कहा है कि स्वामी के खिलाफ जो सबूत पीड़ित पक्ष ने इकट्ठे किए थे, उनमें से काफी हद तक हटा-मिटा दिए गए हैं। अभी तक हालांकि पीड़िता एसआईटी जांच पर भरोसा जता रही थी। यह खबर पीड़िता और उसके परिवार को कहां से मिली? इस सवाल का माकूल जवाब पीड़ित पक्ष के पास नहीं था। उन्होंने बस इतना कहा, “एसआईटी क्या कर रही है, हमें सब मालूम चल रहा है!” भला एसआईटी इतने विवादित जांच की प्रगति रिपोर्ट को हाईकोर्ट की पीठ के सामने ले जाने से पहले ही उसके बारे में पीड़ित पक्ष को क्यों रही है? यह सवाल आसानी से गले नहीं उतर रहा है।
छात्रा बोली, राजस्थान में छीन ली थी पेन ड्राइव
छात्रा को राजस्थान में पुलिस ने बरामद किया तो उसके सामान की तलाशी ली गई। उस ड्राइव को पुलिस ने छीन लिया था। छात्रा ने बताया कि उस पेन ड्राइव में भी 43 वीडियो थे, उसने वीडियो की कॉपी कर एक अन्य पेन ड्राइव घर में भी छिपा दी थी। उसे किसी पर भरोसा नहीं था, इसीलिए उस ड्राइव को पहले एसआईटी को नहीं दिया। अब जब एसआईटी पर भरोसा बढ़ा तब छिपाई पेन ड्राइव की वीडियो कॉपी कर एसआईटी को सौंप दी गई।
दंतमंजन-तौलिया तक समेट ले गई एसआईटी
एसआईटी ने शनिवार को स्वामी चिन्मयानंद के दो महंगे मोबाइल, उनके शयनकक्ष में रखे दंतमंजन, तौलिया शनिवार को कब्जे में ले लिये। एलएलएम छात्रा ने आरोप लगाया था कि स्वामी ने बाथरूम में ताक झांक कर एक वीडियो बनाया था। एसआईटी अब स्वामी के मोबाइल फोन खंगालेगी।
छात्रा की मां से पूछताछ
एसआईटी ने शनिवार को दोपहर बाद छात्रा की मां को पूछताछ के लिए पुलिस लाइन स्थित अपने अस्थाई कार्यालय बुलाया। इस बीच एसआईटी ने स्वामी के निजी स्टाफ व कालेज स्टाफ को भी बुलाया और एक-एक कर सबसे पूछताछ की। बताया जाता है कि जिन लोगों से पूछताछ हुई है, उसमें स्वामी चिन्मयानंद का रसोइया, दरबान, ड्राइवर भी शामिल है। एसएस लॉ कालेज के हास्टल की वार्डन को भी बुलाया गया था।
विश्वस्त सूत्रों के अनुसार, पीड़िता ने खुद के नहाते समय के वीडियो (कथित तौर पर स्वामी द्वारा बनवाया गया) के अलावा और भी तमाम आपत्तिजनक वीडियो जांच एजेंसी को सौंपे हैं। हालांकि पीड़िता के इन बयानों की पुष्टि के लिए उत्तर प्रदेश पुलिस महानिदेशक ओम प्रकाश सिंह से लेकर राज्य पुलिस प्रवक्ता और एसआईटी का नेतृत्व कर रहे महानिरीक्षक नवीन अरोड़ा तक कोई बात करने को तैयार नहीं है।
पुलिस के इन आला अधिकारियों से यह जानने के लिए भी संपर्क करने की कोशिश की कि क्या लड़की की शिकायत पर (सात दिन बाद भी) एसआईटी ने एफआईआर में दुष्कर्म की धारा जोड़ दी है? लेकिन किसी की भी तरफ से कोई जवाब नहीं मिला है। एसआईटी पहले से ही पूरे प्रकरण में मुंह बंद किए हुए है। उसका कहना है कि “जांच की निगरानी इलाहाबाद हाईकोर्ट की दो सदस्यीय विशेष पीठ कर रही है।” यहां यह भी उल्लेखनीय है कि मामले का भंडाफोड़ होने के शुरुआती दौर से ही पीड़ित परिवार उप्र पुलिस पर स्वामी चिन्मयानंद की प्रत्यक्ष-अप्रत्यक्ष रूप से मदद करने का आरोप लगाने लगा रही है।
र करने वाली बात यह भी है कि इतने हाईप्रोफाइल मामले में नियमानुसार प्रतिदिन पुलिस-ब्रीफिंग की भी मीडिया उम्मीद लगाए बैठी थी, लेकिन पुलिस ने पहले दिन से लेकर शनिवार तक पूरे प्रकरण में एक भी अधिकृत जानकारी मीडिया को नहीं दी है।