आज अयोध्या में श्री राम जन्मभूमि में बनने वाले भव्य श्रीराम मंदिर की नींव बाबा विश्वनाथ को अर्पित शेषनाग पर रखी जाएगी। इसके साथ ही चांदी के पांच बेलपत्र, सवा पाव चंदन और पंचरत्न भी नींव में रखे जाएंगे। इनको लेकर काशी के विद्वानों का दल अयोध्या आया है। नींव में रखने से पहले काशी के कोतवाल बाबा विश्वनाथ के सामने इन चीजों को रखा गया और उनकी पूजा अर्चना की गई।
आपको बता दें कि पुराणों के अनुसार कछुए की पीठ पर बैठे शेषनाग पाताल लोक के स्वामी और भगवान शिव के प्रतिनिधि माने जाते हैं। धरती शेषनाग पर टिकी है, जिनकी शैय्या पर भगवान विष्णु विराजमान है इसलिए नींव के अंदर शेषनाग को विराजमान किया जाएगी। वही कछुआ स्वयं माता लक्ष्मीजी की सवारी है और समुद्र मंथन के दौरान भगवान विष्णु ने कछुए का अवतार लिया था और पर्वत को अपनी पीठ पर उठाया था।
शेषनाग पाताल लोक के स्वामी हैं। श्रीराम मंदिर की नींव में उनकी उपस्थिति से मंदिर की दिव्यता और भव्यता चिरकाल तक बनी रहेगी। पंचरत्नों को पंचभूतों का प्रतीक माना गया है। वास्तु की दृष्टि से आधारपुरुष की विशेष मान्यता है। नींव में इनके होने से किसी भी तरह के वास्तुदोष का प्रभाव नहीं रह जाएगा। वहीं बलेपत्र और चंदन भगवान शिव को बहुत पसंद हैं। भगवान शिव भगवान विष्णु के अराध्य देव भी हैं।