निर्भया गैंगरेप मर्डर मामले का दोषी मुकेश सिंह ने अब दिल्ली हाईकोर्ट में अर्जी दाखिल की है। दरअसल, निचली अदालत ने उसकी घटना के वक्त दिल्ली में न होने का दावा करने वाली याचिका को खारिज कर दिया था। अब मुकेश ने हाईकोर्ट में याचिका दायर कर निचली अदालत के आदेश को चुनौती दी है। मुकेश का दावा है कि 16 दिसंबर, 2012 को वह राष्ट्रीय राजधानी में नहीं था। मुकेश की याचिका को फांसी से बचने की एक चाल के तौर पर देखा जा रहा है।
फांसी की सजा पाए मुकेश ने पटियाला हाउस कोर्ट में अर्जी दाखिल की थी। इसमें उसने कहा था कि वारदात के वक्त वह दिल्ली में नहीं था, ऐसे में उसकी फांसी की सजा रद्द की जाए। हालांकि, ट्रायल कोर्ट ने उसकी अर्जी ठुकरा दी थी। उसके बाद उसने बुधवार को सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया। बता दें कि निचली अदालत ने मुकेश की याचिका खारिज कर दी थी और उसने बार काउंसिल ऑफ इंडिया को उसके वकील को उपयुक्त परामर्श देने को भी कहा था। निचली अदालत ने 5 मार्च को मामले के चार दोषियों मुकेश सिंह (32), पवन गुप्ता (25), विनय शर्मा (26) और अक्षय कुमार सिंह (31) को 20 मार्च की सुबह साढ़े पांच बजे फांसी देने के लिए डेथ वारंट जारी किया था।
दोषी अक्षय की पत्नी ने दाखिल की है तलाक की अर्जी
निर्भया कांड के चार दोषियों में एक अक्षय ठाकुर की पत्नी पुनीता देवी ने औरंगाबाद फैमिली कोर्ट में तलाक की अर्जी दाखिल की है। अक्षय बिहार के औरंगाबाद जिले का रहने वाला है। प्रधान न्यायाधीश रामलाल शर्मा की अदालत में अक्षय ठाकुर की पत्नी ने तलाक के लिए मुकदमा दाखिल करते हुए कहा कि उसके पति रेप के केस में सजायाफ्ता हुए हैं और उन्हें फांसी दी जानी है। वह नहीं चाहती है कि वह अक्षय की विधवा कहलाए।