हम आप सभी हाई सफरकरते है। हम आप सभी आसमान में उडकर एक शहर से दूसरे शहर तक जाते है। खासकर टाइम बचाने और यात्रा का आंनद लेने के लिए। लेकिन हम कम लोग ही जानते है कि ये आसमान जिस पर हम सफर करते है ये बहुत ही रहस्यों से भरा है। हमे लगता है कि हवाई सफर पर हम सबसे सुरक्षित है। लेकिन ऐसा नही है आइए हम आपको बताते है इक ऐसी फ्लाइट का किस्सा जो पूरे एक दो नही 92 कंकालो को लेकर सफर करती रही।
हम बता रहे है किस्सा फ्लाइट 513 का सेटिंगो की फ्लाइट 513 ने 4 सितम्बर 1954 में जर्मनी से उडान भरी। इस फ्लाइट ने अटलांटिक महासागर पार किया, लेकिन इस दौरान वो कही खो गई। बहुत कोशिश करने के बाद भी फअलाइट का पता नही चल सका। कई सारी जांच ऐजेंसीयों ने इनका पता लगाने की कोशिश की लेकिन फ्लाइट का पता नही चल सका। आखिरकार ये मान लिया गया कि फ्लाइट कहीं क्रेश हो चुकी है, उसमें बैठे सभी यात्री मौत का शिकार हो चुके है। सालो बीते लेकिन अचानक एक दिन कुए ऐसा हुआ कि सभी के होश उड गए।
दिन था 12 अक्टूबर का 12 अक्टबूर 1989 एक फ्लाइट ने पोर्ट ब्राजील के एयरपोर्ट के चक्कर लगाना शुरू किए। फ्लाइट में किसी तरह का कोई कम्युनिकेशन नही था। फ्लाइट के आने की कोई सूचना भी एयरपोर्ट के अधिकारियों को नही थी, लेकिन अचानक इस तरह से आ रही फअलाइट को लेंड तो करा लिया गया। लेकिन लैंड करी फ्लाइट से जब कोई हलचल नही हुई, तो एयरपोर्ट अथारिटी ने फ्लाइट के गेट खोले। गेट खोलते ही उनके होश उड गए। उस फ्लाइट में इंसान नहीं कंकाल सफर कर रहे थे। पूरे 35 साल बाद लैंड करी इस फ्लाइट में एक दो नही पूरे 92 कंकाल थे, जो उस फ्लइट के यात्री थे। लेकिन इतने सालों मे कंकाल में तब्दील हो गए। इन यात्रियों को सीट बेल्ट तक बंधी हुई थी।
इसके पायलट कैप्टन मिगवेल की विकर्टी की बाड़ी पायलट की सीट पर थी। हाथ पर कंट्रोलर था और इंजन अभी भी कम कर रहा था। पैरानार्मल एक्सपर्ट के मुताबिक डाक्टर कैलसो अटेलो की थेवरी के मुताबिक अभी भी वार्म होल्स है और कही न कही इन होल्स में ये प्लेन खो गया और उसके बाद इतने सालो बाद लौटा। सरकार ने इसे छुपाने की बहुत कोशिश की, लेकिन आखिरकार ये अखबारो की सुर्खिया बना और लोगो को पता चला।