देश में कोरोना वायरस (COVID-19) के नए मामले बढ़ने के साथ ही संख्या 147 के पार पहुंच गई हैं। वायरस से संक्रमित तीन लोगों की देश में मौत हो गई हैं। चिकित्सा समुदाय बढ़ते रुझानों पर नजर बनाए हुए हैं। वह इस पर अध्ययन कर रहे हैं ताकि, वायरस से निपटने के लिए पुरी तैयारी की जा सके।
चीन के वुहान में वायरस का पहला मामला आने के तीन महीने बाद दुनियाभर में इससे 7,500 लोगों की मौत हो गई हैं। करीब 160 से अधिक देश कोरोना वायरस की चपेट में आ गए हैं। लाखों की संख्या में लोग इससे संक्रमित हुए हैं। विश्व स्वास्थ्य संगठन ने भी कोरोना वायरस COVID-19 को महामारी घोषित कर दिया है।
पुरुषों को कोरोना वायरस से ज्यादा खतरा
अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (AIIMS), दिल्ली के निदेशक रणदीप गुलेरिया ने आईएएनएस को बताया कि चिकित्सा समुदाय ने अब तक जिन आंकड़ों का अध्ययन किया है, उनमें यह प्रतीत होता है कि पुरुषों को महिलाओं के बजाय संक्रमित होना का ज्यादा खतरा है।
उन्होंने आगे कहा कि आप इस वायरस को अपने पालतू जानवरों से प्राप्त नहीं करेंगे। साथ ही ये आपसे पालतू जानवर को होगा भी नहीं। यह मनुष्यों को संक्रमित करता है। फिलहाल, इस वायरस से लड़ने की क्षमता मनुष्य में ज्यादा नहीं पाई जा रही है।
महिलाओं की तुलना में ज्यादा पुरुष हुए संक्रमित
गुलेरिया ने कहा एक दिलचस्प बात ये भी है कि महिलाओं की तुलना में ये वायरस पुरुषों को अधिक हुआ हैं। साथ ही वुहान में हुए एक अध्ययन से यह भी पता चला है कि A ब्लड ग्रुप वाले लोगों को ये वायरस ज्यादा प्रभावित करता हैं। एम्स प्रमुख ने कहा कि अभी भी इसका कारण अभी भी अज्ञात है। मुझे नहीं पता कि क्या यह महिलाओं की इम्युनिटी है जो की पुरुषों की तुलना में अच्छी है।
उन्होंने कहा कि चीन से जो आंकड़े आए हैं, उनसे पता चलता है कि जिन लोगों को गंभीर बीमारी है, वे महिलाओं की तुलना में अधिक पुरुष हैं। उन्होंने यह भी चेतावनी दी कि इस तरह के सभी तथ्यों के बारे में निश्चित होना अभी भी जल्दबाजी होगी, क्योंकि स्वास्थ्य समुदाय अभी भी प्रासंगिक डेटा एकत्र करने की प्रक्रिया में है।
हर्ड इम्युनिटी थ्योरी
‘हर्ड इम्युनिटी थ्योरी’ के बारे में बात करते हुए कि ब्रिटेन ने कथित तौर पर इस बीमारी से लड़ने के लिए इसे शामिल किया है, गुलेरिया ने कहा कि हालांकि कुछ देश ‘हर्ड इम्युनिटी’ थ्योरी को अपना रहे हैं, लेकिन परिणाम बहुत कठोर हो सकते हैं। हर्ड इम्युनिटी का मतलब है कि 60 प्रतिशत आबादी जो स्वस्थ है और कम जोखिम पर है, देश उन्हें संक्रमण प्राप्त करने और अपनी स्वयं की प्रतिरक्षा से उबरने की अनुमति देता है।
A ब्लड ग्रुप वाले लोगों को ये वायरस का खतरा ज्यादा
सेंटर फॉर एविडेंस बेस्ड एंड ट्रांसलेशनल मेडिसिन में की गई इस रिसर्च में रिसर्चर्स ने लिखा कि टाइप A ब्लड ग्रुप वालों को वायरस से बचने के लिए खुद को ज्यादा सतर्क रखना चाहिए। हालांकि, Wang Xinghuan की टीम ने यह भी कहा कि यह फिलहाल शुरुआती स्टडी है और इस पर और काम करने की जरूरत है। इस स्टडी में रिसर्चर्स ने वुहान और शेनझेन में 2,173 संक्रमित और 3,694 स्वस्थ्य लोगों के ब्लड ग्रुप की तुलना कर यह दावा किया है।
इसके अनुसार, वुहान के 31.16 प्रतिशत लोगों का ब्लड ग्रुप टाइप ए था वहीं वुहान के स्थानीय जिनयिंतन अस्पताल में इलाज करा रहे 37.75 प्रतिशत लोगों का भी यही ब्लड ग्रुप था। वहीं ब्लडग्रुप O के 26 फीसदी लोग ही इस वायरस से संक्रमित थे।
हालांकि, भले ही आपका ब्लड ग्रुप टाइप A है तो भी आपको डरने की जरूरत नहीं है क्योंकि इसके बावजूद आप खुद को इस बीमारी से दूर रह सकते हैं। इसके लिए आपको लगातार अपने हाथ धोते रहना है और किसी भी ऐसे व्यक्ति से दूर रहना है जो सर्दी या जुकाम से पीड़ित हो।