उत्तर प्रदेश के संभल में किसान आंदोलन में शामिल होने वाले छह किसानों को 50-50 लाख रुपये के निजी मुचलका भरने का नोटिस दिया गया। इशमें भारतीय किसान यूनियन असली के जिलाध्यक्ष राजपाल सिंह, जयवीर सिंह, सतेंद्र, वीर सिंह और रोहदास शामिल हैं। यह नोटिस उपजिलाधिकारी संभल की तरफ से जारी किया गया था। अब पुलिस ने दावा किया है कि अमाउंट में गलती हो गई थी औऱ इसे कम कर दिया जाएगा। हालांकि किसानों का कहना है कि इस तरह का नोटिस जारी करना ही लोकतांत्रिक अधिकारों का हनन है।
उपजिलाधिकारी ने नोटिस में कहा था कि किसानों के आंदोलन से शांतिभंग का खतरा है। इसीलिए 50-50 लाख रुपये के निजी मुचलके के जरिए दो जमानतें भरने के लिए नोटिस जारी हुआ है। किसानों ने कहा कि सरकार आँदोलन का दमन करना चाहती है। उन्होंने मुचलका भरने से इनकार कर दिया।
उधर किसानों को समझाने के लिए कृषि मंत्री ने 8 पेज का खत लिखा है। यह पत्र एक बैठक के बाद जारी किया गया जिसमें गृह मंत्रिी अमित शाह, पियूष गोयल, निर्मला सीतारमन और बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा भी शामिल थे। नरेंद्र तोमर ने इस चिट्ठी में लिखा है कि कई किसान संगठनों ने कानून का स्वागत किया है। उन्होंने भावुक अपील करते हुए कहा कि वह भी किसान परिवार से हैं और खेती की बारीकियों को समझते हैं। तोमर ने कहा कि यह मेरी जिम्मेदारी है कि किसानों को बताया जाए की उन्हें गुमराह करने की कोशिश की जा रही है।
नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा कि जो लोग जवानों के लिए भेजे जाने वाले राशन वाली ट्रेनों को रोक रहे हैं, वे किसान नहीं हो सकते। उन्होंने विपक्षी दलों पर किसानों को बरगलाने का आरोप लगाया। तोमर ने कहा, लद्दाख के चुनौतीभरे माहौल में जो लोग जवानों के लिए जाने वाली ट्रेनों को रोक रहे हैं, वे किसान तो नहीं हो सकते। उन्होंने कहा, जब देश आत्मनिर्भर भारत बनने की ओर है तो जिन लोगों ने यहां के उत्पादों का बायकॉट किया है उनकी भी पहचान होनी चाहिए। तोमर के पत्र को पीएम मोदी ने भी रीट्वीट किया। उन्होंने कहा कि मंत्री ने अपनी भावनाओँ को साझा किया है औऱ किसानों के साथ विनम्र संवाद करने का आग्रह किया है।