देशभर में कोरोना वायरस की वजह से लॉकडाउन जारी है। ये लॉकडाउन पीएम नरेंद्र मोदी ने 24 मार्च को घोषित किया था। तब पीएम ने कहा था कि अगर कोरोना को हराना है, तो सभी देशवासियों को 21 दिन का लॉकडाउन मानना पड़ेगा। तीन हफ़्ते के इस घोषित लॉकडाउन का आज आख़िरी दिन था। आज 14 अप्रैल को पुराना लॉकडाउन ख़त्म होने वाला था। इसके बाद क्या होगा, इसका जवाब पीएम मोदी ने अपने लाइव संबोधन में दे दिया।
ये रही उनके भाषण की तीन मुख्य बातें –
- – लॉकडाउन 3 मई तक बढ़ा दिया गया है।
- -20 अप्रैल के बाद कुछ इलाकों में सख्त नियमों के साथ कुछ ढील दी जा सकती है। लेकिन कभी भी इसे वापस लिया जा सकता है। इस बारे में गाइडलाइंस 15 अप्रैल को आएंगी।
- – WHO कहता है कि 10 हजार मरीज होने पर अस्पतालों में डेढ़ हज़ार बेड की जरूरत है, हमारे पास एक लाख बेड तैयार हैं।
# पढ़िए पूरा भाषण
नमस्ते,
मेरे प्यारे देशवासियों। कोरोना वैश्विक महामारी के ख़िलाफ़ भारत की लड़ाई बहुत मजबूती के साथ आगे बढ़ रही है। आप सभी देशवासियों की तपस्या, आपके त्याग की वजह से भारत अब तक नुकसान को काफ़ी हद तक टालने में सफ़ल रहा है। आप लोगों ने कष्ट सहकर भी अपने देश को बचाया है।
मैं जानता हूं आपको कितनी दिक्कतें आई हैं किसी को खाने की परेशानी किसी को आने जाने की परेशानी कोई घर परिवार से दूर है, लेकिन आप देश की खातिर एक अनुशासित सिपाही की तरह अपने कर्तव्य निभा रहे हैं। मैं आप सबको आदरपूर्वक नमन करता हूं
हमारे संविधान में जिस ‘वी दी पीपल ऑफ़ इंडिया’ की शक्ति की बात कही गई है यही तो है वो। बाबासाहेब की जन्म जयंती पर हम भारत के लोगों की तरफ़ से ये संकल्प बाबा साहेब को सच्ची श्रद्धांजलि है। उनका जीवन हमें हर चुनौती को संकल्पशक्ति के बल पर पार करने की प्रेरणा देता है।
साथियों ये देश के अलग अलग हिस्सों में अलग अलग त्यौहारों का भी समय है। भारत तो उत्सवों से भरा रहता है। अनेक राज्यों में नए वर्ष की शुरुआत हुई है।
इन बंधनों के बीच देश के लोग जिस तरह नियमों का पालन कर रहे हैं बहुत ही प्रेरक है। मैं नए वर्ष पर आपके, आपके परिवारजन के उत्तम स्वास्थ्य की कामना करता हूं।
आज पूरे विश्व में कोरोना की जो स्थिति है हम सब उससे परिचित हैं अन्य देशों के मुक़ाबले भारत ने कैसे इसे रोकने के प्रयास किए आप इसके सहभागी रहे हैं। जब हमारे यहां कोरोना का एक भी केस नहीं था तब ही कोरोना प्रभावित देशों से आने वाले लोगों की स्क्रीनिंग शुरू कर दी थी। जब 100 केस हुए तब तक हमने विदेश से आने वाले लोगों के लिए आइसोलेशन अनिवार्य कर दिया था। जब हमारे यहां सिर्फ़ 550 केस थे तभी भारत ने 21 दिन के लॉकडाउन का कदम उठा लिया था। भारत ने समस्या बढ़ने का इंतज़ार नहीं किया।
ये ऐसा संकट है जिसमें किसी भी देश के साथ तुलना करना उचित नहीं है। लेकिन फिर भी हम किसी सच्चाई को नकार नहीं सकते और ये भी एक सच्चाई है कि दुनिया के बड़े बड़े देशों में कोरोना के आंकड़े देखें तो उनके तुलना में भारत बहुत संभली हुई स्थिति में है।
महीना डेढ़ महीना पहले कई देश संक्रमण के मामले में भारत के बराबर खड़े थे आज उन देशों में हमारी तुलना में केसेज़ पच्चीस से तीस गुणा ज़्यादा बढ़ चुके हैं।
भारत ने होलिस्टिक अप्रोच ना अपनाई होती, इंटिग्रेटेड अप्रोच ना अपनाई होती तो आज भारत की स्थिति क्या होती इसकी कल्पना करते ही रोएं खड़े हो जाते हैं। लेकिन ये साफ़ है कि हमने जो रास्ता चुका है वही हमारे लिए सही है
सोशल डिस्टेंसिंग और लॉकडाउन का बहुत बड़ा लाभ हमें मिला है अगर आर्थिक दृष्टि से देखें तो महंगा ज़रूर पड़ा है लेकिन भारत के लोगों के जीवन से इसकी तुलना नहीं हो सकती।
भारत जिस मार्ग पर चला है उस मार्ग की चर्चा होना बहुत स्वाभाविक है। चौबीसों घंटे हर किसी ने अपना ज़िम्मा संभालने के लिए प्रयास किए है
लेकिन साथियों इन सब प्रयासों के बीच कोरोना जिस तरह फ़ैल रहा है उसने विश्व भर में सरकारों को और ज़्यादा सतर्क कर दिया है।
भारत में भी कोरोना के ख़िलाफ़ लड़ाई अब आगे कैसे बढे? हम विजयी कैसे हों ?हमारे यहां नुकसान कम कैसे हो? इन बातों पर राज्यों के साथ निरंतर चर्चा की है।
और इस चर्चा में यही सुझाव आता है कि लॉकडाउन को बढाया जाए। कई राज्य तो पहले से ही ये फ़ैसला कर चुके हैं।
सारे सुझावों को ध्यान में रखते हुए ये तय किया गया है कि 3 मई तक हम सभी को हर देशवासी को लॉक डाउन में ही रहना होगा।
इस दौरान हमें अनुशासन का उसी तरह पालन करना है जैसे हम करते आ रहे हैं मेरी सभी देशवासियों से प्रार्थना है कि कोरोना को हमें किसी भी कीमत पर नए क्षेत्र में फैलने नहीं देना है। अब एक भी मरीज़ बढ़ता है तो हमारे लिए चिंता का विषय होना चाहिए। और इसलिए हमें हॉट स्पॉट को इंगित करके पहले से भी ज़्यादा बहुत ज़्यादा सतर्कता बरतनी ही होगी। जिन स्थानों के हॉट स्पॉट में बदलने की आशंका है उन पर हमने कड़ी नज़र रखनी होगी। इसलिए अगले एक सप्ताह में कोरोना के ख़िलाफ़ लड़ाई में कठोरता और ज़्यादा बढ़ाई जाएगी।
20 अप्रैल तक हर कसबे हर थाने हर ज़िले हर राज्य को बड़ी बारीकी से परखा जाएगा, वहां कितना पालन हो रहा है उस क्षेत्र ने खुद को कितना बचाया है इसका मूल्यांकन किया जाएगा। जो क्षेत्र अपने यहां हॉट स्पॉट नहीं बढ़ने देंगे और जिनके हॉट स्पॉट में बदलने की आशंका कम होगी वहां पर 20 अप्रैल से कुछ छूट दी जा सकती है लेकिन ये अनुमति सशर्त होगी बाहर निकलने के नियम बहुत सख्त होंगे।
नियम अगर टूटते हैं तो सारी अनुमति तुरंत वापस ले ली जाएगी। इसलिए ना ख़ुद कोई लापरवाही करनी है ना किसी और को लापरवाही करने देना है।
कल इस बारे में सरकार की तरफ़ से एक विस्तृत गाइड लाइन जारी की जाएगी।
20 अप्रैल से चिन्हित क्षेत्रों में इस सीमित छूट का प्रावधान हमारे ग़रीब भाई बहनों को ध्यान में रखकर किया गया है। मेरी सर्वोच्च प्राथमिकताओं में इनकी मुश्किल कम करना है।
इस समय रबी फसल की कटाई का काम भी जारी है।
साथियों देश में दवा से लेकर राशन तक पर्याप्त भण्डार है सप्लाई चेन की दिक्कतें दूर की जा रही हैं। अब तक टेस्टिंग की सिर्फ़ एक लैब थी अब 220 से ज़्यादा लैब काम कर रही हैं।
कोरोना के 10 हज़ार मरीज़ होने पर 1500 बेड की ज़रुरत होती है, भारत में 1 लाख बेड की व्यवस्था है 600 से ज़्यादा अस्पताल यही काम कर रहे हैं।
साथियों आज भारत के पास सीमित संसाधन हो लेकिन मेरा भारत के युवा वैज्ञानिकों से आग्रह है कि मेरे नौजवान साथियों आप आगे आएं। वैक्सीन बनाने का बेड़ा उठाएं। हम कोरोना को परास्त करके ही रहेंगे।
मैं आपका साथ मांग रहा हूं। इन सात चीज़ों में मेरा साथ दीजिए।
- पहला, अपने घर के बुजुर्गों का विशेष ध्यान देना है। उन्हें कोरोना से बचाकर रखना है।
- दूसरा, लॉकडाउन और सोशल डिस्टेंसिंग की लक्ष्मण रेखा का पूरी तरह पालन करें। घर में बने फ़ेस मास्क का अनिवार्य रूप से इस्तेमाल करें।
- तीसरा, अपनी इम्युनिटी बढ़ाने के लिए आयुष मंत्रालय के निर्देशों का पालन करें।
- चौथा, कोरोना संक्रमण का फैलाव रोकने के लिए आरोग्य सेतु मोबाइल ऐप ज़रूर डाउनलोड करें।
- पांचवा, जितना हो सके उतना ग़रीब परिवार की देख रेख करें।
- छठां, आप अपने व्यवसाय अपने उद्योग में अपने लोगों के प्रति संवेदना रखें किसी को नौकरी से ना निकालें।
- सातवाँ, देश के कोरोना योद्धाओं डॉक्टर नर्सेज सफाईकर्मी पुलिसवालों का हम सम्मान करें।
इन सात बातों में आपका साथ चाहिए। ये सप्तपदी विजयी होने का मार्ग है। पूरी निष्ठा के साथ 3 मई तक नियमों का पालन करें। सुरक्षित रहें।
साभार – दल्लनटॉप