निजामुद्दीन तब्लीजी जमात मरकज में भाग लेने वाले बिहार के लोगों की तादाद बढ़ती ही जा रही है। तब्लीगी जमात में शामिल हुए 345 में से बिहार लौटे 16 अन्य लोगों को विभिन्न जिलों से ढूंढ़ निकाला गया है। इनमें से 307 दिल्ली में ही फंसे हैं, जबकि 22 का पता नहीं चला है। पुलिस ने 16 की खोज खबर लेने के बाद स्वास्थ्य विभाग की मदद से कोरेंटाइन कर दिया है। ये वे लोग हैं, जिनका मोबाइाल लोकेशन पिछले एक पखवारे में छह दिन जमात के मरकज में पाया गया था।
बिहार सरकार को हाल में ही केन्द्र सरकार द्वारा 394 लोगों की एक और सूची भेजी गई थी, जो तब्लीगी जमात के मरकज में शामिल हुए थे। मोबाइल फोन के डंप डाटा के विश्लेषण के बाद ये नम्बर बिहार के पाए गए थे। इसी वजह से सारे नम्बर को ट्रेस करने के लिए पुलिस को लगाया गया था। हालांकि इसके साथ नामों की सूची नहीं थी। पुलिस ने काम शुरू किया तो इनमें से 39 दूसरे राज्यों के मिले। वहीं यह भी पता चला कि इसमें से 307 लॉकडाउन के चलते मरकज से तो निकले पर दिल्ली में ही फंस गए। वहीं उनका मोबाइल का लोकेशन आ रहा है।
मोबाइल ऑफ
मोबाइल नम्बर के आधार पर पुलिस ने मरकज में शामिल रहे बिहार के 16 लोगों को ढूंढ़ निकाला है। ये दिल्ली से बिहार लौट आए थे। इन्हें पुलिस ने कोरेंटाइन किया है। हालांकि इस सूची में शामिल 22 लोगों का अब तक पता नहीं चल पाया है। इनके मोबाइल बंद हैं। इनकी तलाश में लगी है। इससे पहले बिहार पुलिस मरकज में शामिल होने वालों की चार सूची मिली थी। पहली 86 की थी, जिनमें 53 का पता चला है। वहीं दूसरी सूची में 57 विदेशी थे, जिनमें 10 बिहार में मिले बाकी के बारे में कहा जा रहा है कि वह राज्य से वापस जा चुके हैं।
जमात के लोगों की फिर हो जांच
भाजपा सांसद आरके सिन्हा ने बिहार में कोरोना की जांच पर सवाल उठाया है। कहा कि देश में तब्लीगी जमात के लोगों की कोरोना रिपोर्ट पॉजिटिव आ रही है। फिर बिहार में इनकी रिपोर्ट कैसे निगेटिव आ रही है। इनकी कोरोना जांच फिर से की जाए। मुख्यमंत्री व स्वास्थ्य मंत्री से मांग की है कि तब्लीगी जमात से जुड़े लोगों की दुबारा उत्कृष्ट किट से कोरोना की जांच हो, ताकि बिहार में इस बीमारी को फैलने से रोका जा सके।
भारत सरकार के स्वास्थ्य मंत्रालय ने भी इस बात को स्वीकारा है कि तब्लीगी जमात के लोगों के कारण ही देश में कोरोना पॉजिटिव मरीजों की संख्या में वृद्धि हुई है। आबादी की दृष्टि से बिहार एक बड़ा राज्य है, इसलिए इनकी दोबारा जांच जरूरी है। अभी तक बिहार में कोरोना मरीजों की संख्या कम है पर हमें और सावधान रहने की आवश्यकता है।