हरियाणा के झज्जर AIIMS में तबलीगी जमात के 142 सदस्यों को क्वारंटीन किया गया था। इनमें से 129 लोग ठीक हो गए हैं। अब इनमें से कई प्लाज़्मा थेरेपी के लिए अपना प्लाज़्मा देने को तैयार हैं। पिछले दिनों तबलीगी जमात के नेता मौलाना मोहम्मद साद ने पत्र जारी कर ब्लड डोनेट करने की अपील की थी। वहीं, दिल्ली सरकार ठीक हुए लोगों से प्लाज़्मा डोनेट करने की अपील कर चुकी है।
टाइम्स ऑफ इंडिया के मुताबिक, झज्जर अस्पताल में COVID-19 सर्विस की चेयरपर्सन सुषमा भटनागर ने कहा,
हमने ठीक हुए कुछ मरीजों से उनका खून डोनेट करने की अपील की थी और वो इसके लिए तैयार हो गए। अब हम ब्लड डोनेशन और उनके ठहरने की तैयारी में जुटे हैं।
उन्होंने बताया कि तबलीगी जमात के कई सदस्य भविष्य में रिसर्च के लिए भी ब्लड सैंपल देने को तैयार हुए।
लोकनायक अस्पताल में भी जमात के सदस्य तैयार
डॉक्टर भटनागर ने बताया कि रिकवरी के दो हफ्तों बाद किसी व्यक्ति से खून लिया जा सकता है। उन्होंने कहा,
ज़्यादातर जमात के सदस्य दिल्ली से बाहर के हैं। कुछ विदेशी हैं। फिलहाल वे लॉकडाउन की वजह से घर तो नहीं जा सकते। ऐसे में उन्हें कहीं शिफ्ट किया जाएगा, जिससे बाद में उन्हें प्लाज़्मा डोनेशन के लिए कोऑर्डिनेट किया जा सके।
वहीं, दिल्ली के लोक नायक हॉस्पिटल में भी तबलीगी जमात के कई लोग ठीक हुए हैं। इन्हें निज़ामुद्दीन मरकज़ से निकाला गया था। हॉस्पिटल के डॉक्टर जे सी पासी के मुताबिक उन्हें मंडोली और सुल्तानपुरी के कोविड केयर सेंटर में भेजा गया है। इनमें करीब 20 प्रतिशत प्लाज़्मा देने को तैयार हैं।’
दिल्ली में प्लाज़्मा थेरेपी के अच्छे रिजल्ट
दिल्ली में कोरोना के 4 सीरियस मरीजों पर प्लाज़्मा थेरपी ट्राई की गई थी। इससे दो की हालत में काफी सुधार है। प्लाज़्मा केवल क्रिटिकल मरीज़ों को दिया जा रहा है। जो भी प्लाज्मा डोनेट करना चाहेगा, सरकार उनके अस्पताल आने-जाने की व्यवस्था करेगी।
प्लाज़्मा थेरेपी में COVID-19 से जो व्यक्ति ठीक हो गया है, उसके ब्लड सैंपल से प्लाज़्मा लेकर मरीज को ठीक किया जाता है। दिल्ली के मैक्स हॉस्पिटल में 49 साल का एक व्यक्ति पहला था, जिसका COVID-19 के लिए प्लाज़्मा थेरेपी से इलाज हुआ और डॉक्टरों ने दावा किया कि इससे उसकी रिकवरी तेजी से होने में मदद मिली। वो व्यक्ति एक हफ्ते तक वेंटिलेटर पर था, लेकिन थेरपी के तीन दिन बाद उसे वेंटिलेटर से हटाया गया। कोरोना वायरस की फिलहाल कोई दवा मौजूद ना होने की वजह से दुनियाभर में इसके एक्सपेरिमेंट चल रहे हैं। प्लाज़्मा थेरेपी उनमें से एक है।
इनपुट – दल्लनटॉप