महाराष्ट्र के पालघर जिले के एक गांव में भीड़ ने तीन लोगों की पीट-पीटकर हत्या कर दी थी। इनमें दो साधु थे और एक उनका ड्राइवर। भीड़ ने पुलिस पर भी हमला किया। ANI के मुताबिक, घटना 17 अप्रैल की है। लेकिन रविवार 19 अप्रैल को वीडियो वायरल हुआ। 19 अप्रैल को ट्विटर पर हैशटैग पालघर (#Palghar) टॉप ट्रेंड में रहा। सोशल मीडिया पर लोगों का गुस्सा देखने को मिला। इसके बाद देर रात खबर आई कि आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया गया है।
महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री कार्यालय यानी CMO की ओर से ट्वीट किया गया,
पालघर की घटना पर कार्रवाई की गई है। जिन्होंने दो साधुओं, एक ड्राइवर और पुलिस कर्मियों पर हमला किया था, पुलिस ने घटना के दिन ही उन सभी आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है। इस अपराध और शर्मनाक कृत्य के अपराधियों को कठोर दण्ड दिया जाएगा।
पालघर की घटना पर कार्रवाई की गई है। जिन्होंने २ साधुओं, १ ड्राइवर और पुलिस कर्मियों पर हमला किया था, पुलिस ने घटना के दिन ही उन सभी आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है। इस अपराध और शर्मनाक कृत्य के अपराधियों को कठोर दण्ड दिया जाएगा।
— CMO Maharashtra (@CMOMaharashtra) April 19, 2020
इससे पहले महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस सहित बीजेपी के कई नेताओं ने दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की थी। फडणवीस ने ट्वीट किया था,
‘पालघर में मॉब लिंचिंग की घटना का वीडियो हैरान करने वाला और अमानवीय है। ऐसी विपदा के समय इस तरह की घटना और भी ज्यादा परेशान करने वाली है। मैं राज्य सरकार से गुजारिश करता हूं कि वह इस मामले की हाई लेवल जांच करवाएं और जो दोषी हैं उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई हो।
The cruelty with which the mob lynching in #Palghar happened, is beyond inhuman।
I demand a High Level Enquiry and strictest action be taken at the earliest।#Maharashtra #Mumbai pic।twitter।com/tnagputI7J— Devendra Fadnavis (@Dev_Fadnavis) April 19, 2020
क्या है मामला?
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, जूना अखाड़े के दो साधु 35 साल के सुशील गिरी महाराज और 70 साल के चिकणे महाराज कल्पवृक्षगिरी ड्राइवर निलेश के साथ मुंबई के कांदिवली से गुजरात के सूरत जा रहे थे। दोस्त के अंतिम संस्कार में शामिल होने के लिए। कांदिवली से करीब 120 किलोमीटर का रास्ता भी तय कर लिया था। पीटीआई के अनुसार कुछ लोगों ने तीनों को रोक लिया और उन्हें गाड़ी से निकाल कर पीट-पीट कर मार डाला। भीड़ को इन पर चोर होने का शक था।
वहीं मौके पर पहुंची पुलिस जब घायलों को गाड़ी में ले जाने लगी तो ग्रामीणों ने पुलिस पर भी हमला कर दिया। पुलिस गाड़ी और घायलों को छोड़ भाग खड़ी हुई। इस हमले में कुछ पुलिस वाले भी घायल हुए हैं।
पालघर के डीएम कैलाश शिंदे ने बताया कि तीनों कांदिवली से सूरत जा रहे थे। दादरा और नगर हवेली की सीमा के बीच एक गांव है। जहां ये घटना हुई है। गांव वालों के हाथ में कुल्हाड़ी, लकड़ी, पत्थर समेत दूसरे हथियार थे। इन हथियारों से उन्होंने तीनों पर हमला किया। सूचना मिलने के बाद पुलिस मौके पर पहुंची। तीनों को गाड़ी में डाला। पर गांव वालों ने फिर अटैक कर दिया। तीनों को अस्पताल ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने मृत घोषित कर दिया। इसमें पुलिस भी जख्मी हुई है। उनका भी मेडिकल करवाया गया है।