महाराष्ट्र के दत्तात्रेय रामचंद्र काप्रेकर के जीवन में संख्याओं का बहुत महत्व रहा है। यूं भी कह सकते हैं कि संख्याओं से खेलना उनका शौक था। उन्होंने एक बार कहा था कि एक शराबी शराब पीकर जो आनंद महसूस करता है, वैसा ही मुझे नंबरों के साथ महसूस होता है। नंबरों के शौक में उन्होंने कई गणितीय सिद्धांत विकसित किए। उनकी ऐसी ही एक खोज को कॉप्रेकर कॉन्स्टेंट के नाम से जाना जाता है जिसका संबंध 6174 संख्या से है। यह संख्या गणित की दृष्टि से बहुत रहस्यमय है। आइए आज आपको काप्रेकर की जिंदगी के बारे में और इस रहस्यमय नंबर के बारे में सबकुछ बताते हैं….
कौन है रामचंद्र काप्रेकर
महाराष्ट्र में मुंबई से 100 किलोमीटर उत्तर में एक शहर है दहानु। दहानु में ही डॉ.रामचंद्र काप्रेकर का जन्म हुआ था। जब 8 साल के थे तो मां का निधन हो गया था। उसके बाद पिता ने उनका पालन-पोषण किया। उनके पिता एक क्लर्क थे लेकिन ज्योतिषशास्त्र से बहुत लगाव था उनका। वैसे ज्योतिष विद्या में गणित की जटिल गणनाओं की जरूरत नहीं पड़ती है लेकिन संख्याओं का थोड़ा इस्तेमाल तो होता ही है। पिता के इस शौक से काप्रेकर के अंदर संख्याओं को लेकर एक जिज्ञासा पैदा हुई।
1929 में उन्होंने ग्रैजुएशन पूरा किया और उसके बाद देवलाली के एक स्कूल में उनको गणित का शिक्षक नियुक्त किया गया। उन्होंने अपना पूरा जीवन देवलाली में पढ़ाते हुए गुजारा। 1962 में वह 58 साल की उम्र में सेवानिवृत्त हुए।
कभी हँस रहे थे वैज्ञानिक आज मान रहे लोहा
काप्रेकर ने जो संख्यात्मक सिद्धांत पेश किए थे, उसका भारत के कई गणितज्ञों ने मजाक उड़ाया। उन्होंने काप्रेकर की खोज बेतुकी और बेमतलब की चीज बताया। लेकिन किसी तरह वह गणित की कम चर्चित पत्रिकाओं में अपने विचार को प्रकाशित कराने में सफल हुए। साल 1949 में मद्रास में गणित का एक सम्मेलन हुआ था। उन्होंने उस सम्मेलन में अपनी खोज से दुनिया को परिचित कराया। बाद में उनकी खोज को लेकर भारत और विदेश में चर्चा होने लगी। 1970 के दशक में अमेरिका के प्रसिद्ध लेखक मार्टिन गार्डर ने साइंस की एक पत्रिका में उनके बारे में लिखा। खैर दुनिया भर में काप्रेकर के काम को मंजूरी मिली चुकी है और दुनिया भर के गणितज्ञ इस पर शोध कार्य में लगे हुए हैं।
इसकी वजह क्या है? इसे समझने के लिए इन कुछ दिलचस्प तथ्यों को देखिएः
कोई भी चार अंकों की संख्या अपने मन से चुनिए, लेकिन कोई भी अंक दोबारा नहीं आना चाहिए, उदाहरण के लिए 1234.
इन्हें घटते क्रम में लिखिए: 4321
अब इन्हें बढ़ते क्रम में लिखें: 1234
अब बड़ी संख्या से छोटी संख्या को घटा दीजिए: 4321 – 1234
अब नतीजे में मिली संख्या के साथ 2,3 और चार बिंदुओं को दोहराइए.
आईए इसे करके देखते हैं ।
4321 – 1234 = 3087
इन अंकों को घटते क्रम में रखें: 8730
अब इन्हें बढ़ते क्रम में रखें: 0378
अब बड़ी संख्या में से छोटी संख्या को घटा दीजिए: 8730 – 0378 = 8352
नतीजे में मिली संख्या के साथ ऊपर की तीनों प्रक्रियाओं को दोहराईए.
अब संख्या 8352 के साथ यही करके देखते हैं-
8532 – 2358 = 6174