देश में प्याज की कीमतों को बढ़ने से रोकने के लिए केंद्र सरकार ने मंगलवार को एक और कदम उठाया है। केंद्रीय उपभोक्ता मामलों के मंत्रालय ने प्याज की स्टॉक लिमिट को तत्काल प्रभाव से संशोधित किया है। थोक विक्रेता अब 25 टन से ज्यादा प्याज नहीं रख पाएंगे, वहीं खुदरा विक्रेता केवल 5 मीट्रिक टन प्याज रख सकते हैं। आयातकों को आयातित प्याज के लिए इन स्टॉक लिमिट से छूट दी गई है।
केंद्रीय मंत्री रामविलास पासवान ने ट्वीट कर जानकारी देते हुए लिखा कि खुले बाजार में प्याज की उपलब्धता बढ़ाने हेतु सरकार ने प्याज की भंडारण सीमा में तत्काल प्रभाव से संशोधन कर दिया है। अब थोक विक्रेता 25 टन और खुदरा विक्रेता 5 टन तक का भंडारण कर सकते हैं। आयातकों को आयातित प्याज के लिए इस भंडारण सीमा से मुक्त रखा गया है।
खुले बाजार में प्याज की उपलब्धता बढ़ाने हेतु सरकार ने प्याज की भंडारण सीमा में तत्काल प्रभाव से संशोधन कर दिया है। अब थोक विक्रेता 25 टन और खुदरा विक्रेता 5 टन तक का भंडारण कर सकते हैं। आयातकों को आयातित प्याज के लिए इस भंडारण सीमा से मुक्त रखा गया है।
— Ram Vilas Paswan (@irvpaswan) December 3, 2019
बता दें कैबिनेट सचिव राजीव गौबा ने आज मंगलवार को देश भर में प्याज की बढ़ती कीमतों के मुद्दे की समीक्षा के लिए सचिवों की समिति की एक बैठक की अध्यक्षता की।महाराष्ट्र, गुजरात, तमिलनाडु, आंध्र प्रदेश, कर्नाटक, तेलंगाना, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, राजस्थान, उत्तर प्रदेश और हरियाणा के मुख्य सचिवों ने इस वीडियो कॉन्फ्रेंस में हिस्सा लिया।
कैबिनेट सचिव ने राज्यों को निर्देश दिया कि प्याज की अस्थायी कमी और कीमतों को स्थिर रखने के मद्देनजर इसकी उपलब्धता बढ़ाई जानी चाहिए। केंद्र पहले ही मौजूदा सीजन में प्याज के निर्यात की अनुमति न देने का फैसला कर चुका है।
सरकार ने तुर्की से 11 हजार मीट्रिक टन प्याज का आयात का फैसला किया है। अपभोक्ता मामलों के मंत्रालय ने इस बारे में जानकारी देते हुए बताया कि MMTC ने 11 हजार एमटी प्याज के आयात का ऑर्डर दे दिया है। तुर्की से आनेवाला प्याज भी लोगों को जल्द राहत नहीं देने वाला क्योंकि यह दिसंबर अंत या जनवरी की शुरुआत तक भारत पहुंच पाएगा। सरकार ने मिस्र भी 6090 एमटी प्याज मंगाया है, जो दिसंबर के मध्य तक भारत पहुंचेगा, जिससे कीमतों में थोड़ी राहत की उम्मीद की जा रही है।