मिथिला पेटिंग के कलाकारो के दिन बहुरने वाले हैं । मंत्रालय ने लगभग 3,82,00,000 रुपए की इस योजना की मंजूरी दे दी है। इतना ही नहीं, मंत्रालय ने 77 लाख, 90 हजार रुपए की पहली किस्त का आवंटन भी कर दिया है। दिल्ली हाट की तर्ज पर मिथिला हाट को विकसित किया जाएगा । जहां, मिथिला पेंटिंग के साथ-साथ, सिक्की-मौनी, मिथिला का खान-पान सहित स्थानीय स्तर पर निर्मित वस्तुओं की बिक्री होगी । मेरी कोशिश होगी कि आगे चलकर यहां मैथिली संगीत की प्रस्तुति की भी व्यवस्था हो। यहां राहगीरों के लिए रेस्ट हाउस, पार्किंग और फूड पार्क की भी व्यवस्था होगी। इस सबसे स्थानीय स्तर पर रोजगार के अवसर भी बढ़ेंगे।
जिले के मधुबनी पेंटिग व अन्य विधा से जुड़े कलाकारों को उसकी कला का उचित मूल्य मिल सकेगा। इसके लिए जिले के झंझारपुर प्रखंड में अररिया संग्राम में प्रस्तावित अरबन हाट को केंद्र सरकार ने मंजूरी दे दी है। केंद्रीय कपड़ा मंत्रालय ने योजना के लिए पहली किस्त की राशि भी जारी कर दी है। मंत्रालय के सहायक निदेशक आरएस मीणा ने पत्र जारी कर इसकी जानकारी दी।
मालूम हो कि डीएम शीर्षत कपिल अशोक ने इस योजना का प्रस्ताव सरकार को भेजा था। तीन करोड़ 82 लाख की इस योजना के लिए एनएच-57 दरभंगा-सुपौल के बीच अररिया संग्राम में जगह का चयन किया गया है। पॉलीटेक्निक कॉलेज के बगल में आठ हजार वर्ग मीटर क्षेत्र में इस हाट का निर्माण किया जाएगा। प्रशासन ने इस जगह का चयन इसलिए किया कि एनएच से जुड़े इस स्थान से प्रतिवर्ष करीब 12 से 15 लाख वाहन गुजरते हैं। इसमें अधिकतर दूसरे जिले व राज्यों के होते हैं। देश-विदेश में प्रसिद्ध मधुबनी पेंटिग की खरीदारी यहां से बड़ी संख्या में गुजरने वाले यात्री भी कर सकेंगे। इस एनएच से उत्तर व पूर्वोत्तर के राज्यों का सीधा जुड़ाव भी है।
हाट से ही होगा निर्यात
डीएम ने बताया कि हाट में मधुबनी पेंटिग के अलावा हस्तकला से सिक्की, बांस, टेराकोटा आदि के बने सामान भी यहां बिकेंगे। वहीं इन चीजों का निर्यात भी यहीं से हो सकेगा। इस हाट में लोग ठहर सकें इसके लिए आवासीय रेस्ट हाउस भी बनेंगे। वाहनों की पार्किंग के लिए विशेष पार्क का निर्माण होगा। इसके अलावा फूड पार्क भी होगा। सबसे महत्वपूर्ण यह कि यहां दूसरे जिले के लोग भी स्टाल लेकर ये सामग्री की बिक्री कर सकेंगे। इस तरह होगा आधारभूत संरचना का निर्माण
कुल तीन करोड़ 82 लाख रुपये में दो करोड़ 48 लाख रुपये भवन निर्माण में खर्च होंगे। वहीं परिसर के विकास के लिए करीब 50 लाख रुपये का खर्च आएगा। पानी व शौचालय की बेहतर व्यवस्था के लिए भी 25 लाख रुपये खर्च किए जाएंगे। बिजली व रोशनी के लिए भी इतनी ही राशि खर्च की जाएगी। पहली किस्त के रूप में कपड़ा मंत्रालय ने 77 लाख 90 हजार रुपये का आवंटन कर दिया है। शेष 42।10 लाख रुपये बाद में इसी वित्तीय वर्ष में उपलब्ध करा दिए जाएंगे। यहां से कुल दो करोड़ 40 लाख रुपये का आवंटन स्वीकृत हुआ है। योजना की स्वीकृति हो जाने के बाद इसे 8 माह में पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है। अब शीघ्र ही इसका टेंडर निकाला जाएगा। डीपीआर पूर्व में ही तैयार किया जा चुका है। यह होगा फायदा
मधुबनी पेंटिग या अन्य हस्तकला से बनी वस्तुओं की सही कीमत कलाकारों को नहीं मिल पाती। इसका बड़ा हिस्सा बिचौलियों या व्यवसायियों को चला जाता है। इस अरबन हाट के निर्माण से बिचौलियों की भूमिका लगभग समाप्त हो जाएगी। कलाकार अपने बनाए सामान की सीधे बिक्री कर सकेंगे। इससे उन्हें कला का उचित मूल्य मिल सकेगा। वहीं यहां से ही इन वस्तुओं के निर्यात होने से राज्य को भी अच्छा राजस्व मिल सकेगा। सबसे अहम इसमें बड़ी संख्या में रोजगार का सृजन हो सकेगा।
मिथिला पेंटिग की पद्मश्री से सम्मानित प्रख्यात कलाकार बौआ देवी ने इस अवसर पर खुशी व्यक्त की है । उन्होने कहा है ।
‘यह खुशी की बात है। मधुबनी पेंटिग का विस्तार लगातार जारी है। महिलाएं चाहें वह अनपढ़ की क्यों ना हो, इस विधा में नित्य नया रिकॉर्ड बनाने की ओर अग्रसर है। हाट के निर्माण से कलाकारों को मार्केटिग का नया स्वरूप मिलेगा।’