खनन कारोबारी अनिल अग्रवाल ने कहा कि भारत पेट्रोलियम कॉरपोरेशन लिमिटेड (बीपीसीएल) का बहुत भाव ऊंचा है। इसलिए फाइनल बिड डॉक्यूमेंट प्रकाशित होने के बाद वेदांता इसके लिए बोली लगाने पर विचार करेगी। अनिल अग्रवाल बीपीसीएल को खरीदने में सबसे पहले रुचि दिखाने वाले पूंजीपतियों में शामिल हैं। सरकार ने आगामी कारोबारी साल के लिए विनिवेश से 2.1 लाख करोड़ रुपए जुटाने का लक्ष्य रखा है। बीपीसीएल के निजीकरण में कठिनाई आने से सरकार की निजीकरण योजना पटरी से उतर सकती है।
शुक्रवार को शेयर बाजार बंद होने के बाद बीपीसीएल का मार्केट कैपिटलाइजेशन 92,464.40 करोड़ रुपए था। सरकार कंपनी में अपनी 52.98 फीसदी हिस्सेदारी बेचना चाहती है। इस भाव पर सरकार की हिस्सेदारी की कीमत करीब 49,000 करोड़ रुपए बैठती है। जो भी कंपनी सरकार की हिस्सेदारी खरीदेगी, उसे बीपीसीएल में छोटे शेयरधारकों से अतिरिक्त 26 फीसदी हिस्सेदारी खरीदने के लिए ओपेन ऑफर भी लाना होगा। इस प्रक्रिया में बीपीसीएल को खरीदने वाली कंपनी को 24,000 करोड़ रुपए और भुगतान करने पड़ सकते हैं। यानी बीपीसीएल को खरीदने के लिए कंपनी को मौजूदा भाव पर कम से कम 73,000 करोड़ रुपए खर्च करने पड़ सकते हैं।
अग्रवाल ने कहा कि बिड डॉक्यूमेंट जारी नहीं हुआ है। जब यह जारी होगा, तब निश्चित रूप से हम इसका मूल्यांकन करेंगे। सरकार ने पिछले साल नवंबर में बीपीसीएल में अपनी हिस्सेदारी बेचने की योजना की घोषणा की थी। इसके बाद से बीपीसीएल के शेयर 40-50 फीसदी चढ़ चुके हैं।