केंद्र सरकार ने 21 जीवन रक्षक दवाइयों की कीमतों में 50 की बढ़ोत्तरी करने का फैसला किया है। इन दवाओं में कुछ एंटीबायोटिक , एस्कॉर्बिक एसिड (विटामिन सी की गोलियां) और सीरप शामिल हैं। इसके अलावा बीसीजी वैक्सीन, कुष्ठ रोग और कुछ दवाएं मलेरिया के इलाज में काम आती हैं।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, सेंट्रल गर्वनमेंट की संस्था एनपीपीए ने Drugs Price Control Order 2013 के पैराग्रॉफ 19 के आदेश में संशोधन करते हुए कीमतों में बढ़ोत्तरी की मंजूरी दी है। पहले इस नियम का इस्तेमाल केवल दवाइयों की कीमतों में कमी करने के लिए किया जाता था।
फार्मा इंडस्ट्री बीते दो साल से दवाओं के Active Pharmaceutical Components (API) की कीमत में बढ़ोत्तरी की मांग कर रही थी. उनका कहना था कि दवाएं बनाने के लिए इस्तेमाल होने वाला कच्चा माल काफी महंगा हो गया है।
साथ ही ये भी कहना है कि चीन से आयात करने वाली दावाएं महंगी आती हैं. सरकार के इस फैसले के बाद उत्पाद के अनुसार API की कीमत में 5 से 88 फीसदी तक की बढ़ोत्तरी हो जाएगी। API प्राइस में 40 से 80 फीसदी फॉर्मूलेशन कॉस्ट शामिल होती है। जैसे पैरासिटामोल में अंतिम उत्पाद की कुल वैल्यू का 80 फीसदी API कॉस्ट होती है।
सरकार के इस कदम से कई कॉमन दवाओं जैसे बीसीजी वैक्सीन, पेंसिलीन, मलेरिया और लैप्रोसी की दवाएं, हर्ट फैल्योर के कारण फ्लूड बिल्ड अप में इस्तेमाल होने वाली दवाएं, लीवर स्केयरिंग और किडनी संबंधी बिमारियों वाली जीवन रक्षक दवाएं, विटामिन सी, एंटीबायोटिक और एंटी एलर्जी दवाओं की कीमतों में बढ़ोतरी होगी ।