मंदी व ट्रांसपोर्टरों के मनमानी से परेशान श्री सीमेंट ने अपना प्रोडक्शन अनिश्चितकालीन बंद कर दिया है। जिससे कंपनी व इस कारोबार से जुड़े 5000 लोगों के सामने रोजगार का संकट आ चुका है। मंदी के कारण जहां बाजार में सीमेंट उद्योग थोड़ा प्रभावित है। वहीं इसी बीच औरंगाबाद में ट्रांसपोर्टरों ने कंपनी के सामने 60 फीसदी किराया भाड़ा बढ़ाने की मांग को लेकर आंदोलन कर रहे हैं। कंपनी ने ट्रांसपोर्टरों के 20 फीसदी किराया बढ़ाने पर राजी हो गई। लेकिन वे अपनी मांग पर अड़े हुए हैं। जिससे परेशान होकर कंपनी ने तत्काल अपना प्रोडक्शन बंद करने का निर्णय लिया। रविवार को सीमेंट कंपनी में प्रोडक्शन रोककर अधिकांश कर्मियों को घर भेजना शुरू कर दिया। कंपनी के इस कड़े तेवर देखने के बाद प्लांट से जुड़े कर्मियों व मजदूरों में रोजगार काे लेकर हड़कंप मचा हुआ है। इस संबंध में कंपनी के जीएम ज्ञानेन्द्र मोहन खरे के मोबाइल पर संपर्क करने की कोशिश की गई। लेकिन स्वीच ऑफ होने के कारण बात नहीं हो पाई। जबकि कंपनी के अन्य अधिकारी नाम न छापने के शर्त पर कंपनी के एक अधिकारी ने बताया कि मैनेजमेंट ने बार-बार हड़ताल व हंगामा से परेशान होकर प्रोडक्शन बंद करने का निर्णय लिया है। अब आगे क्या होगा उन्हें जानकारी नहीं।
600 ट्रक रोजाना करते हैं ढुलाई, ट्रांसपोर्टर कर रहे 60% किराया बढ़ाने की मांग
अधिकारियों ने -जब जरूरत पड़ेगी तो बुलाएंगे
मंजुराही गांव निवासी सीमेंट कंपनी में चेकर का काम करने वाले जयलेश कुमार सिंह ने बताया कि रविवार को उसे छुट्टी पर भेज दिया गया। अधिकारियों ने कहा प्रोडक्शन बंद हो चुका है। घर जाओ जब जरूरत पड़ेगी तो बुलाएंगे। इसी तरह कंपनी के गार्ड देव प्रखंड के मुखेता गांव निवासी शैलेश सिंह ने कहा कि उसे भी काम से छुट्टी पर भेज दिया गया।
हर माह आंदोलन से परेशान श्री सीमेंट ने अचानक लिया यह निर्णय
जून 2014 में शहर के जसेाईया मोड़ स्थित बियाडा कैम्पस में श्री सीमेंट की शुरूआत हुई। श्री सीमेंट में करीब 1500 मजदूर व 300 कर्मी कार्यरत हैं। वहीं करीब 3000 लोग और इस कारोबार से जुड़े हुए हैं। 10 हजार मिट्रिक टन सीमेंट का उत्पादन हर रोज होता है। माल ढुलाई में रोजाना 600 ट्रक काम करते हैं। कंपनी के खुलने के एक साल तो सामान्य तरीके से चला। लेकिन उसके बाद सीमेंट कंपनी के खिलाफ हर माह एक आंदोलन होने लगा। जिससे कंपनी काफी परेशान हो गई। कंपनी के आसपास वाले इलाके में सड़क दुर्घटना में आए दिन लोगों की जानें जाती है। इसको लेकर भी कई बार आंदोलन हो चुका है। लिहाजा इन तमाम वजहों को देखते हुए मैनेजमेंट ने कंपनी के प्रोडक्शन को रोक दिया है।