निकट भविष्य में ट्रेनों का किराया बढ़ सकता है , इस आशय के संकेत रेलवे बोर्ड के चेयरमैन वी के यादव ने गुरुवार को दिए । हालांकि उन्होंने ने सीधे तौर पर इस बाबत जवाब नहीं दिया किन्तु कहा कि रेलवे यात्री और माल भाड़ा दरों को ‘तर्कसंगत’ बनाने की प्रकिया चल रही है ।
इस प्रक्रिया में रेल किराया बढ़ेगा या नहीं ? इस सम्बंध में उन्होंने कुछ भी कहने से इनकार कर दिया । उन्होंने कहा कि भारतीय रेल ने घटते राजस्व से निपटने के लिए कई कदम उठाए हैं।उन्होंने ने कहा कि किराया बढ़ाना एक ‘संवेदनशील’ मुद्दा है और अंतिम फैसला लेने से पहले इस पर लंबी चर्चा की जरूरत होगी।
उन्होंने कहा, ‘हम किराया और माल भाड़े की दरों को तर्कसंगत बना रहे हैं। इस पर सोच-विचार किया जा रहा है। मैं इससे ज्यादा कुछ नहीं कह सकता, यह एक संवेदनशील विषय है। चूंकि माल भाड़े का किराया पहले से अधिक है, हमारा लक्ष्य ज्यादा से ज्यादा यातायात को सड़क से रेलवे की ओर लाना है।’
आर्थिक मंदी से भारतीय रेल की आय प्रभावित हुई है। सूचना के अधिकार के तहत मांगी गई जानकारी के मुताबिक, चालू वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही में रेलवे की यात्री किराये से आमदनी वर्ष की पहली तिमाही के मुकाबले 155 करोड़ रुपये और माल ढुलाई से आय 3,901 करोड़ रुपये कम रही।
चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही (अप्रैल – जून) में यात्री किराये से रेलवे को 13,398.92 करोड़ रुपये की आय हुई थी। दूसरी तिमाही जुलाई-सितंबर में यह गिरकर 13,243.81 करोड़ रुपये रह गई।