नई दिल्ली. केद्र की नरेंद्र मोदी सरकार अब ऐतिहासिक अशोका होटल में विनिवेश यानी हिस्सा बिक्री की तैयारी कर रही है. CNBC आवाज़ को सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक, IDTC (India Tourism Development Corporation) के दो होटल अशोका और सम्राट के कैंपस का मोनेटाइजेशन किया जा रहा है. इसके लिए इंटर मिनिस्ट्रियल ग्रुप का गठन किया गया है. ये ग्रुप जल्द इन दोनों होटल्स के लिए एडवाइजर नियुक्त कर सकता है. इन एडवाइजर्स का काम होटल के मोनेटाइजेशन के लिए अलग-अलग विकल्प के सुझाव देना होगा. होटल अशोका को पूरी तरह बेचने या लंबे समय के लिए लीज पर देने का विकल्प भी है. आपको बता दें कि इस होटल को बनाने के पीछे काफी दिलचस्प कहानी बताई जाती है. सन 1947 में आजादी के बाद यूनेस्को (UNESCO) का समिट भारत में कराने की तैयारी थी.
भारत के पहले और तत्कालीन प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू ने सन 1955 में पेरिस में हुई यूनेस्को फोरम की बैठक में सुझाव दिया था कि भारत अगले साल समिट कराने के लिए तैयार है. लेकिन उस वक्त तक भारत में एक भी 5 स्टार होटल नहीं था, जहां विश्वभर से आने वाले गेस्ट को ठहराया जा सके. ऐसे में नेहरू ने 5 स्टार होटल अशोका को बनवाया गया.
अब क्या होगा- सरकार ITDC के 2 महत्वपूर्ण होटल, होटल अशोका और होटल सम्राट के विनिवेश करने की तैयारी कर रही है. सरकार इसके लिए एक एडवाइजर की नियुक्ति भी कर सकती है.
- सूत्रों के हवाले से मिली जानकारी के मुताबिक ITDC के दिल्ली स्थित होटल अशोका और होटल सम्राट के मोनेटाइजेशन की तरफ सरकार ने कदम बढ़ा दिया है.
- इन होटलों के मोनेटाइजेशन के लिए इंटरमीनिस्ट्रियल ग्रुप बनाया गया है. होटल सम्राट र होटल अशोक के कैपेंस का मोनेटाइजेशन करने के लिए जल्द एडवाइजर नियुक्त किया जाएगा.