देश में पैसेंजर व्हीकल का कारोबार अब तक के सबसे बुरे दौर से गुजर रहा है। पिछले 12 माह से लगातार कार की बिक्री में गिरावट दर्ज की जा रही है और पिछले 6 हफ्तों से इनवेंटरी की लागत बढ़ गई है। ऐसे में देश में कार डीलर शोरुम के बंद होने का सिलसिला शुरू हो गया है। इसकी वजह से कंपनियों में बड़े पैमाने पर छटनी की जा रही है।
25 हजार लोग हुए बेरोजगार
फेडरेशन ऑफ ऑटोमोबाइल डीलर एसोसिएशन (FADA) के मुताबिक पिछले एक साल में पैसेंजर व्हीकल के करीब 200 डीलर शोरुम बंद हो गए हैं। इसकी वजह से करीब 25 हजार लोगों को नौकरी से हाथ धोना पड़ा है। आमतौर पर एक बड़ा डीलर 12 से 15 शोरुम और छोटा डीलर 5 शोरुम रखता है। एक अपर साइज शोरुम एक माह में करीब 700 व्हीकल बेचता है और इससे करीब 150 लोगों को रोजगार मिलता है, जबकि छोटे शोरुम एक माह में 200 से 250 व्हीकल की बिक्री करता है और 60 लोगों को रोजगार देता है।
बैंक और एनबीएफसी ने रोकी फंडिंग
हालांकि पैसेंजर व्हीकल की ओर से अब तक डीलर शोरुम बंद करने का कोई डाटा नहीं साझा किया गया है। इसके बावजूद इंडस्ट्री के जानकार कह रहे हैं कि बैंक से फंड़िंग नहीं मिल रही है। वहीं मैन्यूफैक्चर्स की तरफ से डीलर को डिस्पैच और व्हीकल लेने के लिए बैंक और एनबीएफसी से कोई क्रेडिट नहीं मुहैया कराया जाता है।शोरुम को करीब 180 दिनों के लिए शार्ट टर्म क्रेडिट दिया जाता है। ऐसे में अगर सेल्स अच्छी रही, तो दिक्कत नहीं होती है। लेकिन सेल न होने पर समस्या बढ़ जाती है। ऐसे में बैंक और एनसबीएफसी की तरफ से व्हीकल खरीदने के लिए फंडिंग देने से मना कर दिया गया है, क्योंकि शोरुम की तरफ से पुराना लोन नहीं चुकाया गया है। इसकी वजह व्हीकल बिक्री में कमी है। FADA अध्यक्ष ने बताया कि आमतौर पर मेट्रो सिटी के शोरुम बंद हो रहे हैं। इसमें दिल्ली और मुंबई सबसे आगे हैं।