प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) की अध्यक्षता में आज (18 सितंबर) हुई बैठक में कैबिनेट (Cabinet) ने ई-सिगरेट (E-Cigrattee) पर पाबंदी का फैसला लिया है. इसके साथ ही कैबिनेट ने फैसले पर अमल के लिए प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है. कैबिनेट ने भारत में ई-सिगरेट के उत्पादन, बेचने, इंपोर्ट, एक्सपोर्ट, ट्रांसपोर्ट, बिक्री, डिस्ट्रीब्यूशन, स्टोरेज और विज्ञापन पर प्रतिबंध लगा दिया गया है. बता दें कि हाल ही में ग्रुप ऑफ मिनिस्टर्स (GoM) द्वारा Prohibition of E Cigerettes Ordinance 2019 को जांचा गया था. ग्रुफ ऑफ मिनिस्टर्स (GoM) ने इसमें मामूली बदलाव का सुझाव दिया था.
क्या है ई-सिगरेट के नुकसान?
ई सिगरेट का सेवन करने से व्यक्ति को डिप्रेशन होने की संभावना दोगुनी हो जाती है. एक शोध के मुताबिक जो लोग ई सिगरेट का सेवन करते हैं, उन्हें हार्ट अटैक का खतरा 56 प्रतिशत तक बढ़ जाता है. वहीं लंबे समय तक इसका सेवन करने से ब्लड क्लॉट की समस्या भी उत्पन्न हो सकती है. ई-सिगरेट आमजन के स्वास्थ्य के लिए हानिकारक है. ई-सिगरेट के दुष्प्रभावों से हृदय एवं फेफड़ों को नुकसान पहुंचता है क्योंकि इसमें अल्ट्राफाइन पार्टिकल, विषैले पदार्थ एवं पीएम 2.5 (पार्टिकुलेट मैटर) की अधिकता होती है. इसमें ग्लिसरीन होने की वजह से एक्यूट लंग इंजरी होने का खतरा भी बढ़ जाता है. ई-सिगरेट में ग्लाइकोल प्रोपाईलीन, निकोटिन, ग्लिसरॉल आदि पदार्थ पाये जाते हैं, जिससे मस्तिष्क के विकास पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है.
ई-सिगरेट से कैंसर का भी खतरा
कई लोग ऐसा मानते हैं कि ई-सिगरेट सामान्य सिगरेट की तरह नुकसान नहीं करती लेकिन हाल ही में हुई एक स्टडी के मुताबिक, ई सिगरेट में इस्तेमाल होने वाले फ्लेवरिंग लिक्विड दिल को नुकसान पहुंचा सकते हैं.
नियमों के उल्लंघन पर सजा का प्रावधान
इस अध्यादेश में हेल्थ मिनिस्ट्री ने पहली बार नियमों के उल्लंघन पर एक साल तक की जेल और 1 लाख रुपये का जुर्माना का प्रस्ताव दिया है. वहीं एक से अधिक बार नियम तोड़ने पर मिनिस्ट्री ने 5 लाख रुपये जुर्माना और 3 साल तक जेल की सिफारिश की है.
प्रतिबंध लगाना मोदी सरकार की प्राथमिकता
ई-सिगरेट, हीट-नॉट-बर्न स्मोकिंग डिवाइसेस, वेप एंड ई-निकोटीन फ्लेवर्ड हुक्का जैसे वैकल्पिक धूम्रपान उपकरणों पर प्रतिबंध लगाना अपने दूसरे कार्यकाल में मोदी सरकार के पहले 100 दिनों के एजेंडे की प्राथमिकताओं में था.
क्या है ई-सिगरेट?
ई-सिगरेट एक तरह का इलेक्ट्रॉनिक इनहेलर होता है, जिसमें निकोटिन और अन्य रसायनयुक्त तरल भरा जाता है. ये इनहेलर बैट्री की ऊर्जा से इस लिक्विड को भाप में बदल देता है, जिससे पीने वाले को सिगरेट पीने जैसा अहसास होता है. ईएनडीएस ऐसे उपकरणों को कहा जाता है, जिनका प्रयोग किसी घोल को गर्म कर एरोसोल बनाने के लिए किया जाता है, जिसमें विभिन्न स्वाद भी होते हैं. लेकिन ई-सिगरेट में जिस लिक्विड का इस्तेमाल किया जाता है, वह कई बार निकोटिन होता है और कई बार उससे भी ज्यादा खतरनाक रसायन होते हैं. इसके अलावा कुछ ब्रांड्स ई-सिगरेट में फॉर्मलडिहाइड का इस्तेमाल करते हैं, जो बेहद खतरनाक और कैंसरकारी तत्व हैं.
पहले से 8 राज्यो में प्रतिबंधित
राजस्थान में गहलोत सरकार ने विश्व तंबाकू दिवस के मौके पर बड़ा फैसला लेते हुए प्रदेश में ई-सिगरेट पर पूरी तरह से प्रतिबंध लगा दिया है. इस प्रतिबंध में ई सिगरेट के उत्पादन, बिक्री पर रोक लगा दी गई है. इससे पहले पंजाब, महाराष्ट्र, बिहार, केरल, कर्नाटक, मिजोरम और उत्तर प्रदेश में ई-सिगरेट पर रोक लगाई जा चुकी है. सीएमओ में स्वास्थ्य विभाग की बैठक में ये अहम फैसला लिया गया है.
न्यूयॉर्क में बैन हुई फ्लेवर्ड ई-सिगरेट
न्यूयॉर्क के डोमेस्टिक गवर्नर ने टीएनएजर्स और यूथ के बीच इस सिगरेट से बढ़ रही फेफड़ों से जुड़ी बीमारियों की बढ़ती संख्या पर चिंता जाहिर करते हुए इमरजेंसी मीटिंग बुलाई. इसके बाद यहां ई-सिगरेट को पूरी तरह बैन कर दिया गया है. युनाइटेड स्टेट में मिशिगन के बाद न्यूयॉर्क सिटी दूसरा ऐसा स्टेट बन चुका है, जहां फ्लेवर्ड ई-सिगरेट पर बैन लगाया जा चुका है