उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने कहा है कि केंद्र सरकार की ओर से घोषित 20 लाख करोड़ के पैकेज के तहत कोरोना संकट में लॉकडाउन की वजह से बिहार आ चुके या आने वाले 10 लाख से ज्यादा प्रवासी मजदूरों को बिना राशन कार्ड के दो माह तक हर माह 5 किलो चावल व प्रति परिवार 1 किलो दाल मिलेेगा। इस हिसाब से प्रवासी मजदूरों को दो महीने में 10 किलो चावल और दो किलो दाल मिलेंगे।
कहा कि प्रवासी मजदूर जब भी दूसरे राज्यों में वापस जायेंगे तो वहां भी ‘वन नेशन, वन राशन कार्ड’ के तहत वे अनाज का उठाव कर सकेंगे। किसानों के साथ विशेष अभियान चलाकर पशुपालकों व मछुआरों को भी केसीसी का लाभ दिया जायेगा। मुद्रा के तहत शिशु लोन के बकाएदारों द्वारा ऋण की अदायगी पर 2 प्रतिशत ब्याज अनुदान व 5 हजार करोड़ के विशेष कोष से बिहार के स्ट्रीट वेंडर्स को 10 हजार तक ऋण दिया जायेगा। बिहार में 36.73 लाख छोटे-मोटे काम करने वाले गरीबों को मुद्रा के तहत 11,470 करोड़ का लोन दिया गया है।
बिहार में सात दिनों में बने तीन लाख नए राशन कार्ड
राज्य के तीन लाख से अधिक नए लोगों के राशन कार्ड विगत सात दिनों में निर्गत किए गए हैं। साथ ही इसके निर्माण की प्रक्रिया जारी है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का स्पष्ट निर्देश है कि कोई भी गरीब राशन कार्ड से वंचित नहीं रहे, पदाधिकारी यह सुनिश्चत करें। ताकि सभी योग्य व्यक्तियों को इसके तहत सभी लाभ निरंतर दिया जा सके। मुख्यमंत्री के निर्देश पर इस कार्य में तेजी आई है। सूचना एवं जनसंपर्क विभाग के सचिव अनुपम कुमार ने गुरुवार को प्रेस कांफ्रेंस में यह जानकारी दी।
सभी राशन कार्डधारियों को एक-एक हजार रुपये दिए जा रहे
गौरतलब हो कि लॉकडाउन के दौरान मुख्यमंत्री के निर्देश पर राशन कार्ड के उन सभी आवेदनों पर विचार किया गया जो या तो रद्द कर दिए गए थे अथवा छोटी त्रुटियों के कारण अस्वीकृत कर दिए गए थे। पूर्व के आवेदनों की पुन: जांच कर 12 लाख राशन कार्ड सात मई के पहले निर्गत कर दिए गए थे। इसी क्रम में पिछले सात दिनों में तीन लाख से अधिक और नए राशन कार्ड बने। सचिव ने यह भी कहा कि सभी राशन कार्डधारियों को एक-एक हजार रुपये दिए जा रहे हैं।